'टू कीप यूअर सेल्फ यंग, इंट्स इंर्पोटेंट टू थिंक यंग', वाईआई इसी सोच को समर्थन देता है, और इसी पर काम करता है। यही एक वजह है कि वाईआई ने अब भोपाल नगर निगम के 'गोल्डन लीव प्रोजेक्ट' को इनिशेटिव लेते हुए इस दिशा में अवेयरनेस लाने की तैयारी की है। गोल्डन लीव प्रोजेक्ट नगर निगम, भोपाल द्वारा सूखे पत्तों को खाद में बदलने और इसे बेहतर तरीके से उपयोग में लाने संबंधी प्रोजेक्ट है, जिससे अब वाईआई भी जुड़ गया है। सहयोग और जागरूकता की भावना के चलते इसके तहत वाईआई ने अपने स्लोगन 'थिंक यंग' को सूखे पत्तों की उपयोगिता से जोड़ा है। वाईआई लोगों को जागरूक कर रहा है कि क्यों न इन नेचुरली मिलने वाले वेस्ट को पौधों और गार्डन के लिए पॉवर पैक न्यूट्रिशन में तब्दील किया जाए।
अपने इस इनिशेटिव को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए वाईआई ने शनिवार को अवेयरनेस ड्राइव चलाया। इसके पीछे की सोच यही थी कि सूखे पत्तों के लिए डस्टबीन से बेहतर भी एक जगह है और वह है कंपोस्ट करके, उनका खाद के रूप में प्रयोग। इस सोच को लोगों तक पहुंचाने के लिए वाईआई की टीम ने तीन अलग-अलग जगह अवेयरनेस प्रोग्राम किए। इसकी शुरुआत सीआई पार्क जोन वन में सुबह आठ बजे हुई। इसके बाद डीके होम्स और ई-2 पार्क में वाईआई के प्रतिनिधियों ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पत्तियों को जलाना बंद करें और कंपोस्टिंग की शुरुआत करें।