करनाल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने गेहूं की एक नई किस्म तैयार को तैयार कर लिया है। गेंहू की इस किस्म का नाम ‘करन वन्दना’ रखा गया है। इस गेहू की खासियत ये बताई जा रही है की ये उपज में ज्यादा होने के साथ -साथ किसानों को अधिक मुनाफा भी देगा। और इसकी खेती में जो बाकि किस्म है उसकी तुलना में मेहनत भी कम लगेगी।
गेहूं की इस किस्म को उत्तर-पूर्वी राज्यों में आसानी से खेती के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इसकी अधिक पैदावार होने के साथ- साथ ‘करन वन्दना’ गेहूं ‘ब्लास्ट’ नामक बीमारी से भी लड़ने में सक्षम है। ‘करन वन्दना’ खेती के लिए अगर बात की जाये तो पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों की मृदा एवं जल-वायू उपयुक्त है। ‘करन वन्दना’ से 64.70 क्विन्टल प्रति हेक्टेयर तक से अधिक की उपज हो सकती है जबकि ये बाकि अन्य किस्मो की तुलना में एक आदर्श उत्पादन है।
क्यों है ये किस्म महत्वपूर्ण :
1. करन वन्दना’-(डीबीडब्ल्यू 187) रोगो से लड़ने में सक्षम।
2. प्रतिकूल मौसम में भी अनुकूल।
3. प्रोटीन, जस्ता और आयरन की भरपूर मात्रा का स्त्रोत।
4. ब्लास्ट रोग से लड़ने में सक्षम।