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हरियाणा - गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग दिखने पर किसानों के होश उड़ने लग गए हैं। किसान अपने स्तर पर फसल में दवाई का स्प्रे करने में जुटे हैं। डर है कहीं फसल खराब न हो जाए। फिलहाल गेंहू के खेत के कुछ ही हिस्से में पीला रतुआ रोग ने दस्तक दी है। विभाग के अधिकारी किसानों को सचेत रहने के साथ ही पीला रतुआ की दवाई का स्प्रे करने की सलाह दे रहे हैं। विभाग के अधिकारी अनुसार पिछले दिनों क्षेत्र के इंद्रगढ़ व बयाना गांव में भी गेहूं में पीला रतुआ रोग की सूचना मिली थी लेकिन उस पर नियंत्रण कर लिया गया। क्षेत्र के धूमसी जागीर गांव के किसान राजकुमार ने कहा कि उसकी फसल में पीला रतुआ नजर आ रहा है। फिलहाल खेत के कुछ हिस्से में ही यह रोग आया है, उसे डर है कि कहीं यह पूरे खेत में न फैल जाए। फसल पर दवा का स्प्रे कर दिया।
खंड कृषि अधिकारी जोजन सिंह का कहना है कि पिछले दिनों इंद्रगढ़ व बयाना के खेतों में जरूर पीला रतुआ होने की सूचना मिली थी तो किसानों को फसल में प्रोपीकोनाजोल दवा के स्प्रे करने की सलाह दी गई थी।
पीला रतुआ के लक्षण
गेहूं के पौधों के भागों जैसे पत्तियां, तना व बाली आदि पीला रतुआ रोग का संक्रमण देखा जा सकता है। पीले रंग की धारी पत्तों की नसों के समानांतर चलने वाली धारियां होती हैं। शुरुआत में पत्तों की उपरी सतह पर पीले रंग की धारियां देखने को मिलती हैं जो धीरे-धीरे पूरे पत्ते को पीला कर देती है। इसका पीला पाउडर जमीन पर पड़ा भी देखा जा सकता है। गेहूं के पौधे पर हाथ लगाने से पीले रंग का पाउडर हाथ पर भी लग जाता है। शुरू में यह रोग 10-15 पौधों से एक गोल दायरे के रूप में शुरू होता है और फिर यह बढ़ता चला जाता है।
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