गेहूं, चना, सरसों और सब्जियों की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए उपयोगी सलाह

गेहूं, चना, सरसों और सब्जियों की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए उपयोगी सलाह
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Kisaan Helpline

Agriculture Dec 21, 2022

Agriculture Advisory: गेहूं, चना, सरसों और सब्जियों की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने मौसम पर आधारित एडवाइजरी जारी की है। कृषि वैज्ञानिक समय-समय पर किसानों के लिए कृषि एडवाइजरी जारी करते रहते है। ताकि किसान समय रहते अपनी फसल की सुरक्षा कर सके और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सके। आइये जानते है कृषि वैज्ञानिको द्वारा जारी की गयी कृषि सलाह के बारे में

गेहूं की खेती के लिए उपयोगी सलाह
पछेती गेहूँ की फसल 21-25 दिन पुरानी होने पर आवश्यकता अनुसार पहली सिंचाई करनी चाहिए। सिंचाई के 3-4 दिन बाद नत्रजन की शेष आधी मात्रा का छिड़काव करना चाहिए। गेहूँ की फसल में दीमक के लक्षण दिखाई देने पर क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी @ 2.0 लीटर की दर से 20 किग्रा रेत का मिश्रण शाम के समय में देना चाहिए और बाद में सिंचाई करने की सलाह दी जाती है।

सरसों की खेती में करें खरपतवार नियंत्रण
देर से बोई गई सरसों की फसल में निराई-गुड़ाई की सलाह दी जाती है। वर्तमान मौसम में सरसों की फसल में माहू और सफेद रतुआ की लगातार निगरानी करने की सलाह दी जाती है।

चने की फसल में करें फली छेदक कीट की निगरानी
चने की फसल में फली छेदक कीट की निगरानी के लिए यदि फूल 10-15% तक पहुंच गए हों तो फेरोमोन ट्रैप @ 3-4 ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाने की सलाह दी जाती है। कीट आबादी को नियंत्रित करने के लिए फसल क्षेत्र में और उसके आसपास "टी" आकार के पक्षी बसेरा स्थापित किया जाना है।

सब्जीवर्गीय खेती के लिए उपयोगी सलाह
  • गोभी की फसल में डायमंड बैक मॉथ, मटर में फली छेदक और टमाटर में फल छेदक कीट की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप @ 3-4 ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाने की सलाह दी जाती है।
  • वर्तमान मौसम की स्थिति में पत्तागोभी, फूलगोभी, नोलखोल आदि की पछेती किस्मों की स्वस्थ पौध की रोपाई मेड़ों पर की जा सकती है।
  • वर्तमान मौसम में पालक, धनिया, मेथी की बुवाई की जा सकती है। पर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रति एकड़ 20 किग्रा यूरिया का छिड़काव किया जा सकता है।
  • उच्च सापेक्ष आर्द्रता के कारण आलू और टमाटर में झुलसा का संक्रमण हो सकता है। निरंतर निगरानी की सलाह दी जाती है। यदि लक्षण दिखाई दें तो कारबैंडिज़म @ 1.0 ग्राम/लीटर पानी या डाइथेन-एम-45 @ 2.0 ग्राम/लीटर पानी की स्प्रे की सिफारिश की जाती है।
  • वर्तमान मौसम की स्थिति में समय से बोई गई प्याज की फसल में थ्रिप्स के आक्रमण तथा बैंगनी धब्बे के संक्रमण से बचाव के लिए निरंतर निगरानी रखनी चाहिए। डायथेन एम-45 @ 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में चिपचिपी सामग्री (टिपोल 1.0 ग्राम/लीटर) के साथ छिड़काव की सलाह दी जाती है।
  • मटर की फसल में फलियों की उचित वृद्धि के लिए 2 प्रतिशत यूरिया का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
  • अगेती कद्दू वर्गीय फसलों की पौध तैयार करने के लिए पोली हाउस में छोटे पॉलीथीन बैग में पौध तैयार की जा सकती है।

कृषि सलाहकार समिति के सदस्य -  डॉ. अनंत वशिष्ठ (नोडल अधिकारी, कृषि भौतिकी), डॉ. पी. कृष्णन (अध्यक्ष, कृषि विभाग, भौतिकी), डॉ. देब कुमार दास (प्रधान वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी), डॉ. बी.एस. तोमर (संयुक्त निदेशक विस्तार (कार्यवाहक) एवं अध्यक्ष, सब्जी विज्ञान संभाग), डॉ. जे.पी.एस. डबास (प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी, कैटैट), डॉ. दिनेश कुमार (प्रधान वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान), डॉ. पी. सिन्हा (प्रधान वैज्ञानिक, प्लांट पैथोलॉजी), डॉ. सचिन सुरेश सुरोशे (प्रधान वैज्ञानिक, कीट विज्ञान)

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