सब्जियों की खेती में बीमारियां आम बात है। देखा जाये तो बिना किसी सुरक्षा या सावधानी के सब्जियों में कीड़े लग ही जाते है, इसमें कोई दो मत वाली बात नहीं है, खरबूजे को जहां फ्रूट फ्लाई यानी फल छेदक नुकसान पहुंचा रहा है वहीं घिया गमोसिस नामक बीमारी की चपेट में है, ये खरबूज की फसल के लिए काफी नुकसान दायक है और इस से उत्पादन भी मुख्य रूप से प्रभावित होता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अब खरबूजे की फसल में फ्रूट फ्लाई आनी शुरू हो चुकी है, जो की खरबूज का शुरुआती दौर है। इस स्थिति में खरबूजे पर काले रंग का धंसा हुआ धब्बा हो जाता है और इसी धब्बे से इसकी पहचान की जा सकती है। जो की चेतावनी है की फल धीरे - धीरे ख़राब हो सकता है। इसके बाद फ्रूट फ्लाई के कारण फल डी-शेप में आ जाएंगे अर्थात फलों का आकार बिगड़ जाएगा और फल अंदर से गलना शुरू हो जाएगा। किसानो के लिए ये एक बहुत बड़ा चिंता का विषय है, और इसका समाधान करना भी जरुरी है। फ्रूट फ्लाई को रोकने के लिए किसान फेरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल कर सकते हैं। फेरोमोन एक प्रकार का कीट जाल होता है जो कीड़ों को लुभाने के लिए फेरोमोन का उपयोग करता है। सेक्स फेरोमोन और एकत्रित फेरोमोन सबसे आम प्रकार हैं। विशेषज्ञ किसानों को मादा मक्खी को पकड़ने के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाने की सलाह दे रहे है क्योंकि नुकसान मादा मक्खी करती है। इसके अलावा किसान एमामेक्टिन बेंजोएट दवा का .75 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं।
तेज अंधड़ के कारण आई गमोसिस
तेज हवाओं और आंधी की वजह से घिया की बेल पलटी और बेल पलटने के कारण बेल के तनों में क्रेक यानी दरार आ गई। जिस वजह से फंगस उभर गई। इस बीमारी को गमीशूट ब्लाइट भी कहते हैं। घिया को गमोसिस नामक बीमारी जकड़ती जा रही है। इस बीमारी में बेल सूखने लग जाती है और गोंद जैसा तरल पदार्थ बाहर निकलना शुरू हो जाता है। विशेषज्ञ गमोसिस की बीमारी को रोकने के लिए सेक्टीन व मार्शल एफएमसी के स्प्रे की सलाह दे रहे है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक लीटर पानी में चार ग्राम सेक्टीन के साथ एक लीटर पानी में तीन एमएल मार्शल एफएमसी का स्प्रे करें।
सलाह -
किसानों को चाहिए कि इनकी बीमारियों की रोकथाम के लिए जैविक तरीका व दवाइयों का इस्तेमाल करें। विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।