एक्सपर्ट्स के ऐसे सुझाव जो गांव की तस्वीर बदलेंगे

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Kisaan Helpline

Agriculture Nov 01, 2015

हिसार। हरियाणा का यूथ इंडस्ट्री में भविष्य तलाश रहा है। अगले 25 सालों में वो हरियाणा को इंडस्ट्रियल स्टेट के रूप में देख रहा है। लेकिन 44 प्रतिशत यूथ अभी भी खेती को ही प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत बताता है। हकीकत यह है कि प्रदेश की 67 फीसदी आबादी गांवों में रहती है। 40 फीसदी की सीधे तौर पर निर्भरता खेती पर ही है। खेती के दम पर ही हम देश के अन्न भंडार में हम 15 फीसदी अनाज देते हैं। 20 हजार करोड़ रुपए का बासमती हम विश्व के 75 देशों में निर्यात करते हैं। मुर्राह के दम पर हम प्रतिव्यक्ति दूध की उपलब्धता (803 ग्राम) के मामले में हम पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर हैं। ऐसे में कृषि प्रधान प्रदेश में खेती भी मुनाफे की हो और उद्योग भी बढ़ें, यह जरूरी है। इस संतुलन को बनाने के लिए क्या करना होगा? किस तरह से इसका समाधान निकाला जा सकता है? क्या बदलाव करने होंगे? भास्कर ने प्रदेश भर के चुनिंदा विशेषज्ञों से जाने इन सवालों के जवाब।

5,032 किमी थी 1966 में सड़कों की लंबाई। 70 के दशक में 10 हजार किमी बढ़ीं।

25,796 किलोमीटर से अधिक है हरियाणा में सड़कों का जाल। 25 हजार करोड़ की लागत से 9 नेशनल हाईवे और बनेंगे।
550 गुना बढ़ गए वाहन
14,265 थी पंजीकृत वाहनों की संख्या। 1344 प्राइवेट कारें थी जबकि 948 पब्लिक सर्विस वाहन
78 लाख हो गई पंजीकृत वाहनों की संख्या। टैक्स कम है इसलिए 78% ऑटोमोबाइल कॅरिअर वाहन यहां से पंजीकृत।
31 गुना बिजली उत्पादन
343 मेगावाट उत्पादन था। सालाना 48 यूनिट प्रतिव्यक्ति खपत थी। उन दिनों सिर्फ शहरी क्षेत्राें में बिजली थी।
10,729 मेगावाट बिजली उत्पादन। अब 1328 यूनिट प्रतिव्यक्ति खपत। आज गांव-गांव तक बिजली पहुंच चुकी है।
5 गुना स्वास्थ्य सेवा
785 हॉस्पिटल थे 1966 में। इनमें सिविल, सीएचसी, पीएचसी और डिस्पेंसरी शामिल।
3144 हॉस्पिटल हैं प्रदेश भर में। इनमें सिविल, सीएचसी, पीएचसी और डिस्पेंसरी शामिल।

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