Agriculture News: वर्तमान समय में मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में करीब 10-15 दिनों तक बारिश रुकी हुई है। बारिश नहीं होने से सोयाबीन की फसल में अब नुकसान नजर आने लगा है। अगर ऐसा ही मौसम रहा तो इसका सीधा असर सोयाबीन के उत्पादन पर पड़ेगा। मौसम की बेरुखी से किसान बहुत चिंतित है। अब सोयाबीन की फसल को सिंचाई की जरूरत है। अगर तीन-चार दिनों में बारिश नहीं हुई तो पौधों पर लगने वाले फूलों से फली बनने की प्रक्रिया में दिक्कत आ सकती है। इसलिए फसलों के लिए एक सप्ताह के अंदर बारिश होना जरूरी है। इससे फसलों को नुकसान नहीं होगा। इसी बीच आज दलौदा मंडी में नई सोयाबीन का श्री गणेश हुआ है, जिसमें व्यापारियों द्वारा शानदार बोली लगाई गई।
मंदसौर जिले में नए सोयाबीन की आवक का श्रीगणेश हो गया है। कारोबारी सप्ताह के रक्षाबंधन के बाद गुरुवार को दलौदा कृषि उपज मंडी में नई सोयाबीन की आवक हुई। दलौदा रोड क्षेत्र के निम्बोद गांव के किसान दीपक प्रजापत पिता जगदीश जी प्रजापत 3 क्विंटल नया सोयाबीन लेकर मंडी पहुंचे। सोयाबीन JS 9560 की वैरायटी वाला सोयाबीन 6452 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर कारोबारी ने नए सोयाबीन का सौदा किया।
किसान दीपक प्रजापत का कहना है की सोयाबीन की बुवाई मई माह में कर दी थी। आज से 7 दिन पहले सोयाबीन की कटाई की गई और कटाई के 5 दिन बाद थ्रेसर मशीन से सोयाबीन निकाली गई। और 31 अगस्त गुरुवार को मंडी में लेकर आये। सोयाबीन की किस्म 9560 है जिसकी पैदावार 1.5 बीघा में 3 क्विंटल निकली।
दलौदा मंडी में आए नए सोयाबीन में नमी की मात्रा 20 प्रतिशत बताई गई। दाने भी छोटे बताए जा रहे हैं। इस आधार पर मुहुर्त में नमी अधिक होने के बावजूद सोयाबीन के दाम मजबूत रहे। इलाके में करीब 20 दिनों से बारिश नहीं हो रही है। अच्छी धूप के कारण इस बार सोयाबीन का पकना शुरू हो गया है। कई जगहों पर छोटे-छोटे दाने रहने की शिकायत भी है। ऐसे में सितंबर के पहले सप्ताह में मंडियों में सोयाबीन की छिटपुट आवक शुरू होने की उम्मीद है।
हालाँकि, वर्षा की कमी से फसलें और उत्पादन प्रभावित हो सकता है। सोयाबीन की कीमतों को लेकर स्थिति सितंबर के अंत में ही स्पष्ट होगी। अगर फसल उत्पादन में कमी आती है तो त्योहारी सीजन के दौरान तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।