जी हाँ, इस बार मध्यप्रदेश की सरकार सत्र के जुलाई माह में होने वाले Madhya Pradesh Assembly विधानसभा के मानसून सत्र में दो साल बाद फिर से कृषि सर्वेक्षण पेश करने जा रही है। आपको बता दे की पिछली सरकार की बात करे तो शिवराज सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण से हटकर कृषि संबंधी रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने की शुरुआत तो की थी, लेकिन इसके बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत ही नहीं की गई। इस बार इसका फायदा ये होगा की रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र की मौजूदा स्थिति के साथ भविष्य की संभावनाओं पर फोकस रहेगा। और इस से कृषि के क्षेत्र में काफी लाभ भी मिलेगा।
योजना, आर्थिक सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों ने इसको लेकर बताया कि कृषि विभाग ने कृषि सर्वेक्षण तैयार करने के लिए कहा है। इसे विधानसभा में प्रस्तुत भी किया जाएगा। इस रिपोर्ट में निम्न बातो पर जैसे की फसलवार रकबा, उत्पादन, नई प्रजातियां, सिंचाई की स्थिति, उद्यानिकी फसलों की संभावना और राज्य सरकार की योजनाओं का ब्यौरा भी रहेगा।
इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी बताया जाएगा कि भविष्य में किस तरह से कृषि क्षेत्र में विकास की संभावनाएं हैं और इसे किस तरह से लागु किया जायेगा। इसके साथ ही वर्ष 2018-19 का आर्थिक सर्वेक्षण भी वित्त एवं योजना, आर्थिक सांख्यिकी मंत्री तरुण भनोत टेबल करेंगे। इसमें राज्य की जीएसडीपी, प्रति व्यक्ति सालाना आय, औद्योगिक विकास दर, स्वास्थ्य सेवा, बैंकिंग से लेकर विभिन्न् क्षेत्रों की स्थिति भी शामिल रहेगी।