धान की नई किस्म नगीना वल्लभ बासमती-1 विकसित

धान की नई किस्म नगीना वल्लभ बासमती-1 विकसित
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Kisaan Helpline

Agriculture Oct 08, 2018

 

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय के नगीना स्थित क्षेत्रिय अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने बासमती धान के क्षेत्र में एक नई किस्म नगीना वल्ल्भ बासमती-1 विकसित करने में सफलता अर्जित की।

 

कृषि विवि के निदेशक शोध प्रो. अनिल सिरोही ने बताया कि नई विकसित बासमती धान की प्रजाति नगीना वल्लभ बासमती 1 को लखनऊ में विमोचित प्रदर्शन किया गया। बताया कि इस प्रजाति की विशेषता रोग प्रतिरोधक क्षमता का अन्य प्रजातियों की अपेक्ष बेहतर होना। किए गए अनुसंधान के आधार पर यह तथ्य सामने आया कि बासमति की नई प्रजाति जिसे राजकीय स्तर के परीक्षणों से गुजारा गया और प्रदेश प्रजाति विमोचन समिति ने जिस पर मान्यता की सहमती की एक मोहर लगाई। इसकी विशेषता है कि गर्दन तोड़ जैसा गंभीर रोग भी इस प्रजाति नगीना बासमती वल्लभ 1 की नसल को नुकसान नहीं पहुंचाता। जिससे किसानों को इसके उत्पादन में रसायन का उपयोग नहीं करना पड़ेगा और उत्पादन भी अधिक होगा।

 

प्रो. सिरोही ने बताया कि नगीना वल्लभ बासमती 1 बासमती धान के उत्पादक किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित होगी। किए गए अनुसंधान में यह तथ्य भी सामने आया कि इस प्रजाति की बासमती धान की औसत उत्पादित उपज 63 कुंतल प्रति हेक्टर होगी। जो कि पूसा बासतमती 1 से 39 प्रतिशत और तरावड़ी बासमती 123 प्रतिशत अधिक उपज प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रजाति के पौधे की ऊंचाई 100 से 105 सेंटीमीटर तक होती है जाकि खेत में खड़ी फसल कटाई होने तक गिरती नहीं। इस प्रजाति का बासमती चावल गुणवत्ता की दृष्टि से पूसा बासमती 1 से कही बेहतर है।

 

नई प्रजाति वल्लभ नगीना बासमती-1 यूरोपियन बासमती निर्यातक संघ मानकों पर भी यह नई प्रजाति खरी उतरेगी। इस नई प्रजाति से अब दुनियाभर के चावल निर्यातक देश नगीना वल्लभ बासमती-1 से खुशबू नुमा होगे। यह बताते चले कि पूर्व में पूसा सुगंध 5,पूसा बासमती 1 अब तक की विकसित की गई सबसे बेहतर बासमती धान की सबसे अच्छी किस्मों में गिनी जा रही थी।

 

नई प्रजाति पांच वर्ष की कड़ी मेहनत का परिणामकुलपति प्रो. गया प्रसाद के मार्गदशन में डा. राजेन्द्रमलिक, डा. विवेक यादव, डा. डीएन मिश्रा, डा. मुकेश कुमार ने इस प्रजाति को तैयार करने में पांच वर्ष कड़ी मेहनत की और परिणाम स्वरूप यह सफलता अर्जित की। जिस पर कुलपति ने सभी वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी। 115 दिन में तैयार होती है नगीना वलल्भ बासमती-1 नगीना अनुसंधान केन्द्र प्रभारी अधिकारी प्रो. डीएन मिश्रा ने बताया कि नगीना वल्लभ बासमती-1 गन्ना बेल्ट के किसानों के लिए अधिक लाभ कारी है। गन्ने की पोड़ी काटने के बाद खाली होने वाले खेत में इस प्रजाति को लगा कर दोगुणा लाभ कताया जा सकेगा। यह प्रजाति 115 दिन में तैयार हो जाती है।

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