नई दिल्ली. इस साल का मानसून सीजन खत्म हो गया है। इस बार 86% बारिश हुई। यानी मौसम विभाग के अनुमानों से 2%कम। सरकार ने भले ही घोषित न किया हो, लेकिन तकनीकी रूप से 2015 सूखा वर्ष है। मौसम विभाग की डेफिनेशन के मुताबिक अगर देश के 20 से 40 फीसदी इलाके में सामान्य से 10 फीसदी कम बारिश होती है तो उसे सूखा वर्ष माना जाता है। अगर 40 फीसदी से ज्यादा इलाका प्रभावित है तो वह बेहद सूखा वर्ष होता है। इस बार 39 फीसदी इलाके में सामान्य से कम बारिश हुई है।
* 30 साल बाद लगातार दो साल कम बारिश
* 2014 में सामान्य से 12% कम बारिश थी।
* 2015 में सामान्य से 14% कम बारिश हुई।
* इससे पहले लगातार दो साल कम बारिश 1986-87 में हुई।
* 2009 में सामान्य से 21.8% कम बारिश थी।
कुल 641 जिले
* 65 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश।
* 263 जिलों में सामान्य बारिश।
* 258 जिलों में सामान्य से कम बारिश।
* 28 जिलों में कम बारिश।
* 27 जिलों का डाटा नहीं मिला।
2% घट सकती है अनाज की पैदावार
लगातार चौथे साल सूखे की स्थिति है। सरकार को तत्काल राहत पैकेज घोषित करना चाहिए। पैदावार के लिहाज से यूपी, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे इलाके अहम हैं, यहीं बारिश कम हुई है। गेहूं, चावल, चीनी का स्टाक है। लेकिन दालों की पैदावार घटेगी। खरीब की फसलों पर असर पड़ा है। अनाज की पैदावार में 2% की गिरावट हो सकती है। लेकिन सब्जी और फलों की पैदावार ज्यादा गिर सकती है। देश के सबसे बड़े 91 वॉटर स्टोरेज फेसेलिटीज में केवल 60% पानी है। पिछले साल यह कैपेसिटी 75% थी। सिंचाई, पेयजल में ज्यादा दिक्कतें नहीं आएंगी।
-देविंदर शर्मा (एग्रीकल्चर एक्सपर्ट)
जानिए, इन 16 राज्यों में कितनी कम बारिश हुई
नागालैंड -49%
मणिपुर -27%
मिजोरम -40%
बिहार -27%
उप्र -44%
उ.खंड -27%
हरियाणा -37%
चंडीगढ़ -35%
पंजाब -31%
हिमाचल -27%
दादरा-नागर हवेली -25%
दमन एंड द्वीव -40%
महाराष्ट्र -40%
पुड्डुचेरी -20%
कर्नाटक -20%
केरल -27%
20 राज्य : सामान्य बारिश
अरुणाचल +8%
असम -5%
मेघालय +3%
त्रिपुरा +3%
सिक्किम +13%
प.बंगाल +5%
झारखंड -18%
जम्मू-कश्मीर+18%
राजस्थान +12%
ओडिशा -7%
मध्यप्रदेश -14%
गुजरात -19%
गोवा -19%
छत्तीसगढ़ -12%
अंडमान 0%
आंध्रप्रदेश +7%
तेलंगाना -18%
तमिलडनाडु -19%
दिल्ली -04%
लक्षद्वीप -14%