देश के किसानों को मिली राहत, केंद्र सरकार की ओर से बड़ा फैसला DAP उर्वरक पर बड़ाई सब्सिडी

देश के किसानों को मिली राहत, केंद्र सरकार की ओर से बड़ा फैसला DAP उर्वरक पर बड़ाई सब्सिडी
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture May 20, 2021

देश में रासायनिक उर्वरको की बढ़ती कीमतों ने किसानों की कमर तोड़ दी हैं, खेती में लागत में मूल्यों में वृद्धि हुई है तो आय में कमी। कोरोना महामारी के बीच देश के किसानों को राहत मिली है। केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी में 140 फीसद बढ़ा दी है। ऐसे में कृषिकों को अब डाई अमोनियम फॉस्फेट पर 500 की जगह 1200 रुपए प्रति बोरी सब्सिडी मिलेगी। इस सब्सिडी पर सरकार 14,775 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा। बता दें भारत में यूरिया के बाद डीएसी सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला उर्वरक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में उर्वरक की कीमतों पर फैसला लिया गया। पिछले वर्ष डीएपी की कीमत 1700 रुपए प्रति बोरी थी। केंद्र सरकार हर बैग के लिए 500 रुपए की सब्सिडी का भुगतान कर रही थी। वहीं किसानों को कंपनियों से 1200 रुपए में खरीदना पड़ता था। फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया की इंटरनेशनल कीमत भी 60 से 70 फीसद तक बढ़ गई है। 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार किसानों के मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। हर संभव प्रयत्न करेंगे कि उन्हें मूल्य वृद्धि से नुकसान नहीं हो। उन्होंने कहा कि सरकार एक साल में उर्वरकों पर सब्सिडी पर 80 हजार करोड़ खर्च करती है।
सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में बढ़ोतरी के बावजूद हमने उन्हें पुरानी दरों पर ही खाद मुहैया कराने का निर्णय लिया है। आज के फैसले के बाद DAP खाद का एक बैग 2400 रु की जगह 1200 रु में ही मिलेगा।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी किसान हितैषी हैं। DAP खाद की सब्सिडी में 140% की बढ़ोत्तरी की गई है, जिसके लिए भारत सरकार 14,775 करोड़ रुपये DAP खाद पर अतिरिक्त सब्सिडी के रूप में दे रही है।  
इससे किसानों को रु. 2400 के स्थान पर केवल रु.1200 में DAP खाद की एक बोरी मिलेगी।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline