दलहन आयात ने तोड़ी किसानों की कमर

दलहन आयात ने तोड़ी किसानों की कमर
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Kisaan Helpline

Agriculture Mar 29, 2019

खरीफ के बाद, किसानों को रबी सीजन की कीमत से नीचे की कीमतों पर दालों को बेचना पड़ रहा है, इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले दस महीनों के दौरान, 21 लाख टन दालों का आयात किया गया था। चना उत्पादक क्षेत्रों में चना की कीमतें 3,700 रुपये से 3,800 रुपये और मसूर के लिए 3,600 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रही हैं, जबकि केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2019-20 के लिए चना का एमएसपी 4,620 रुपये और मसूर का 4,475 रुपये प्रति क्विंटल है।

राजस्थान की कोटा मंडी में चना बेचने आए किसान महेंद्र यादव ने बताया कि मंडी में उनका चना 3,700 रुपये प्रति क्विंटल बिका। उन्होंने बताया कि चना की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद तो शुरू हो गई है लेकिन खरीद नाम मात्र की ही हो रही है, इसलिए किसानों को औने-पौने दाम पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है। नेफेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोटा लाईन की मंडियों से 15 मार्च से चना की एमएसपी पर खरीद शुरू कर दी है, तथा 25 मार्च तक इन मंडियों से 62.65 टन चना खरीदा गया है। चालू रबी में समर्थन मूल्य पर 34,562 टन चना की खरीद हुई है।

समर्थन मूल्य से भी नीचे बिक रहे हैं चना और मसूर

मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड के अनुसार राज्य की मंडियों में देसी चना 2,705 से 4,350 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। राज्य से चालू रबी में 11.50 लाख टन चना की एमएसपी पर खरीद का लक्ष्य तय किया है। सतना मंडी के दलहन कारोबारी भानू जैन ने बताया कि मंडी में चना 3,700 से 3,800 रुपये और मसूर 3,600 से 3,650 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। उन्होंने बताया कि चना की दैनिक आवक 2,000 से 2,500 क्विंटल और मसूर की आवक 400 से 500 क्विंटल की हो रही है।

अरहर के भाव एमएसपी से नीचे

नेफेड के अनुसार कर्नाटक की रायचूर मंडी में अरहर के भाव 3,900 से 4,900 रुपये और महाराष्ट्र की अमरावती मंडी में 4,300 से 5,050 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जबकि केंद्र सरकार ने अरहर का एमएसपी 5,675 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। खरीफ विपणन सीजन 2018 में नेफेड ने एमएसपी पर 25 मार्च तक 2,14,763 टन अरहर की खरीद की है।

पहले दस 10 महीनों में दालों का आयात 60 फीसदी घटा

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी तक दालों के आयात में 50 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 21 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में 53.2 लाख टन दालों का आयात हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले दस महीनों में 6,663.9 करोड़ मूल्य की दालों का आयात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 18,00.94 करोड़ रुपये का आयात हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र सरकार ने अरहर, उड़द, मूंग और मटर के आयात की मात्रा तय कर रखी है जबकि चना और मसूर के आयात पर क्रमश: 60 और 30 फीसदी का आयात शुल्क लगा रखा है।

रिकार्ड उत्पादन का अनुमान

कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में दालों का रिकार्ड 240.2 लाख टन उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 239.5 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था।

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