Kisaan Helpline
चाय की खेती की माने तो अब छत्तीसगढ़ भी इसमें आगे बढ़ रहा है। दरअसल छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने एक समूह के साथ चाय उत्पादन का काम शुरू किया था। महिलाएं पूरी मेहनत के साथ चाय की खेती के कार्य को करने में लगी हुई है। ये चाय की खेती जशपुर जिले में की जा रही है। जशपुर जिले की चाय अब केवल जिले में ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों के प्याले तक पहुंच रही है, जिसका वह जमकर लुफ्त उठा रहे है। छत्तीसगढ़ में इस तरह की खेती ने नये आयामों को छुआ है, जिससे भविष्य में काफी फायदा होगा।
यहाँ की चाय में है कमाल की ताज़गी
छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिले के सारूडीह ग्राम पंचायत में खेती से उत्पादित चाय के स्वाद को लोग काफी मात्रा में पसंद करने लगे है। लोगों का कहना है कि यहां कि चाय में काफी सादगी और शुद्धता भरी है। यहाँ की चाय को आकर्षक रूप से पैक करके बाजार की दुकानों में उपलब्ध करवाया जाता है। चाय उत्पादन के कार्य में लगी महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान नजर आने लगी है। उनकी इस मेहनत का परिणाम साफ रूप से बाजार में दिखाई देने लगा है। चाय उत्पादन से स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हुआ है।
छत्तीसगढ़ के जशपुर की उर्वरा भूमि चाय की खेती के लिए काफी ज्यादा अनूकूल है। यहां के मेहनतकश मजदूरों ने सारडीह के पहाड़ी की तलहटी को चाय बगान का रूप दे दिया है। इसके साथ ही वहां पर ड्रिप सिंचाई की सुविधा को भी उपलब्ध करवाया गया है। इसी प्रकार पौधों के लिए जैविक खाद को बागान के अंदर ही तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा चाय की पत्तियों को सुखाने के लिए सौर ऊर्जा से संचालित आधुनिक ड्रायर मशीन भी स्थापित की गई है।
Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.
© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline