अकसर किसान भाई अच्छी उपज न होने पर निराश हो जाते हैं। लेकिन कुछ किसान ऐसे भी है, जो विपरीत परिस्थितियों एवं अनिश्चिता से भरे मौहल में भी फसल ट्रेंड को बदलते हुए भारी मुनाफा कमा रहे हैं। मालवा के किसान भी नींबू की खेती कर अपनी किस्मत को बदल रहे हैं। गौरतलब है कि वैसे तो इस क्षेत्र में पारंपरिक खेती को ही पसंद किया जाता है। खरीफ के मौसम में सोयाबीन, दाल दलहन और रबी में गेहूं, चने की खेती होती है। लेकिन अब समय के साथ यहां किसानों ने इंटीग्रेटेड फार्मिग को अपनाना शुरू कर दिया है।
चार बीघा खेत से बंपर मुनाफा
इस क्षेत्र के छोटे किसान, जिनके पास भूमि 10 से 15 बीघा खेते है, वो अधिक उपज के लिए स्मार्ट खेती की तरफ बढ़ रहे हैं, यही कारण है कि पिछले कुछ सालो से आमूमन हर किसान चार से पांच बीघा भूमि पर नींबू की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है। चार बीघा भूमि से ही नींबू की खेती पर इन्हें औसत 7 लाख तक की कमाई हो जाती है।
किसानों को मिले कई पुरस्कार
इनकी सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के कई किसानों को उन्नत किस्म की खेती के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिल चुके हैं।
कुछ अलग करने की सोचें किसान
यहां के किसान किशोर सिंह बताते हैं कि समय के साथ-साथ कृषि में तरह-तरह के प्रयोग हो रहे हैं, जिनका फायदा सभी को उठाना चाहिए। पारंपरिक कृषि के साथ-साथ मॉडर्न कृषि पद्धिति को अपनाना फायदेमंद है। पारंपरिक फसलों के अलावा अन्य व्यापारिक फसलों की खेती लाभकारी है। भारत में मैंडरिन ऑरेंज और मिठाई ऑरेंज किस्म के नींबू उगाए जाते हैं। इसी तरह नींबू के साथ किसान भाई सहायक फसलों को भी उगा सकते हैं, जैसे- मटर, फ्रांसीसी बीन और अन्य सब्जियां आदि।