पटना। इस तपती गर्मी में जहाँ जनता बेहाल है वही, कृषि के लिए अनुकूल नक्षत्र रोहिणी आरंभ हो गया है। लेकिन, अगात धान का बिचड़ा लगाने के लिए इस नक्षत्र में मॉनसून की बारिश होने की संभावना कम है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान की माने तो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 10 जून तक बिहार में प्रवेश करेगा। देखा जाये तो तब तक रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो जाएगा।
आपको बता दे की इस बार रोहिणी नक्षत्र 25 मई की रात आरंभ हुआ है और 8 जून को शाम 6.00 बजे समाप्त हो जाएगा। इस अवधि में किसान अगात धान का बिचड़ा लगाते हैं। पर चिंता की बात ये की इस बार मॉनसून किसानों को धोखा देता नजर आ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लिए अरब सागर में अनुकूल वातावरण बना हुआ है। अरब सागर से मॉनसून बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है। 10 जून को झारखंड और बिहार में प्रवेश कर सकेगा।
मई के अंतिम सप्ताह तक मॉनसून अनुकूल स्थिति में विस्तार पाएगा। बिहार में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की बारिश जून के दूसरे सप्ताह तक होने की संभावना है। जून में 125 एमएम, जुलाई में 333 एमएम, अगस्त में 264 और सितंबर में 217 एमएम सामान्य बारिश होनी चाहिए। बीते साल मॉनसून अवधि जून से सितंबर तक 941 एमएम के विरूद्ध 623 एमएम बारिश हुई थी। बंगाल की खाड़ी में अनुकूल वातावरण बनने से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की इस बार अच्छी वर्षा होने की संभावना है। जून से सितंबर तक बिहार में सामान्य से पांच फीसद अधिक या छह फीसद कम बारिश हो सकती है। संभावना है इस बार असामान्य वर्षा नहीं होगी। बिहार में मॉनसून अवधि के दौरान 941 एमएम बारिश होनी चाहिए। वर्ष 2017 में 658 एमएम वर्षा मॉनसून अवधि में हुई थी।