भारत का यह शहर, जहाँ आलू-प्याज से भी सस्ते काजू बिकते हैं!

भारत का यह शहर, जहाँ आलू-प्याज से भी सस्ते काजू बिकते हैं!
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture Mar 16, 2019

आमतौर पर काजू खाने या खिलाने की बात आते ही लोग पॉकेट मारना शुरू कर देते हैं। ऐसे में अगर काजू की कीमत आलू-प्याज से कम है तो शायद ही आपको यकीन हो। यानी अगर आप दिल्ली में 800 रुपए किलो काजू खरीदते हैं तो यहां से 12 सौ किलोमीटर दूर झारखंड में काजू बेहद सस्ते हैं। जामताड़ा जिले में काजू 10 से 20 रुपये प्रति किलो बिकते हैं।

 

जामताड़ा के नाला में करीब 49 एकड़ इलाके में काजू के बागान हैं। बागान में काम करने वाले बच्चे और महिलाएं काजू को बहुत सस्ते दामों पर बेचते हैं। काजू की फसल के लाभ के कारण, क्षेत्र के कई लोग इस प्रवृत्ति को फैला रहे हैं। ये उद्यान जामताड़ा ब्लॉक मुख्यालय से चार किमी दूर हैं।

 

वृक्षारोपण के पीछे दिलचस्प कहानी

सबसे दिलचस्प बात यह है कि जामताड़ा में काजू की इतनी बड़ी पैदावार कुछ सालों की मेहनत के बाद शुरू हुई है। इलाके के लोगों का कहना है कि जामताड़ा के पूर्व उपायुक्त कृपानंद झा को काजू बहुत पसंद है। इस कारण से, वह चाहते थे कि जामताड़ा में काजू के बागान बन जाए तो वे ताजी और सस्ती काजू खाए जा सकें।

 

इस कारण से, कृपानंद झा ओडिशा में काजू की खेती करने वाले लोगों से मिले। वह कृषि वैज्ञानिकों से जामताड़ा की भौगोलिक स्थिति से अवगत थे। इसके बाद, यहां काजू का बागान शुरू हुआ। पिछले कुछ वर्षों में काजू की खेती यहाँ बड़े पैमाने पर होने लगी।

 

कृपानंद झा के यहां से जाने के बाद, निमाई चंद्र घोष एंड कंपनी को केवल तीन लाख रुपये के भुगतान पर तीन साल के लिए बागान की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एक अनुमान के अनुसार, बागान में प्रति वर्ष हजारों क्विंटल काजू फलते है और उनकी देखरेख के अभाव में स्थानीय लोग और वहां से गुजरने वाले लोग काजू तोड़कर ले जाते हैं। जिसकी जिम्मेदारी निमाई चंद्र घोष एंड कंपनी को दे राखी है।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline