भारत का हर किसान भाई इन समस्याओं झुंझ रहा हैं...
* क्यों दिनों दिन फसल का खर्च तेजी से बढे जाता है?
* क्यों रासायनिक खाद मात्रा बढे जाती हैं ?
* क्यों कई बार खाद की मात्रा बढाके भी सही फसल उत्पादन आता ?
* क्यों कीटों को मारने के लिए दिनों दिन पावरफुल कीटनाशक इस्तेमाल होता है ?
* क्यों दिनोंदिन फसल कमजोर नजर आती है ?
आखिर मिटटी परीक्षण से पता होता है की, रासायनिक खाद, कीटनाशकों और हर्बीसाइड के वापर से जमीन कमजोर होने से बीमार है। जमीन के आर्गेनिक कार्बन घटने से बंजर होने की कगार पर है।
गो आधारित कृषि प्रणाली का एकमात्र विकल्प बचा है, इसे ही अनेक नामों से जानी जाती हैं, जैसे जीरो बजट खेती, नैसर्गिक खेती, जैविक खेती, कम लागत की प्राकृतिक खेती, आज की बैक्टेरिया प्रणाली इन प्रणालियों से किसानों को फसल पर का खर्च न्यूनतम करना संभव होगा। आज के दौर में समय की जरुरत है।
किसानों को इन सारे प्रणालियों को अवलंब करने का समय और मेहनत की आवश्यकता होती है। हर कार्य अनिवार्य होने से सही समय में कार्य सही ढंग से करना होता है, नही किया तो रिजल्ट नहीं आते। इसे आसान बनाने हेतु ऑटोमेटिक सोलर जीवामृत मशीन फ़िल्टर का निर्माण हुवा, इस मशीन से जैविक घोल बनाने का कार्य आटोमेटिक नियमानुसार होता है, और गुणवत्ता भी होती है। इन जैविक घोल सही फ़िल्टर करने से ड्रिप स्प्रे स्प्रिंकलर भी कर सकते है। किसानों का 90% श्रम और समय की बचत होती है। इस मशीन द्वारा जैविक खाद, जैविक किट नियंत्रण, फसल ग्रोथ प्रमोटर, इतर बैक्टरिया का विस्तार कर सकते है। इस मशीन से लाखों की बचत होती है। एक साल में ही इसकी लागत मूल्य फ्री होती है। कई किसान भाई जैविक प्रॉडक्ट्स उत्पादन कर अतिरिक्त आमदनी करते है।
अधिक जानकारी हेतु: 9405403686, 9850344535