Agriculture News : पिछले तीन दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। कहीं कम तो कहीं ज्यादा बारिश हो रही है। ऐसे में यह बारिश गेहूं जैसी फसलों के लिए फायदेमंद है, जबकि आलू की फसल इससे प्रभावित हो रही है। अधिक नमी के कारण आलू की फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है। देश के कुछ राज्यों में बेमौसम बारिश ने जहां लोगों की परेशानी बढ़ा दी है, वहीं गेहूं की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर भी मुस्कान ला दी है। हल्की बारिश से रबी की फसलों को फायदा होगा। गेहूं को अभी भी पहली या दूसरी सिंचाई की जरूरत है। ऐसे में बारिश से गेहूं की फसल को फायदा हुआ। चना, मसूर समेत दलहनी फसलों पर इसका अच्छा असर पड़ेगा।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अभी मौसम गेहूं के लिए अच्छा है। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई है, जिससे गेहूं को सिंचाई की सुविधा मिल गई है। हालांकि, अगर थोड़ी और बारिश होती तो गेहूं की सिंचाई बेहतर तरीके से हो जाती। जहां गेहूं नवंबर में बोया गया था, वहां दूसरी सिंचाई का समय है, जबकि जहां दिसंबर के मध्य तक गेहूं बोया गया था, वहां पहली सिंचाई का समय है। अभी ठंड गेहूं की फसल के लिए भी अनुकूल है।
बेमौसम बारिश से आलू की फसल को नुकसान
बेमौसम बारिश से जहां गेहूं और दलहन जैसी फसलों को फायदा होगा, वहीं आलू की फसल इससे प्रभावित होगी। अधिक नमी के कारण आलू की फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है। आलू की फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है। किसान आलू में इस रोग का समय पर प्रबंधन कर नुकसान से बच सकते हैं।
फसल में इस रोग के लक्षण दिखाई देते ही जिनेब 75% घुलनशील चूर्ण 2.0 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या मैंकोजेब 75% घुलनशील चूर्ण 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% घुलनशील 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।