MP News: पिछले कुछ दिनों से देश के अलग–अलग हिस्सों में कई स्थानों पर असमय आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि के चलते किसानों की रबी फसलों को काफी नुकसान हुआ है मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार ने नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। ताकि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल सके। लेकिन इतनी जल्दी किसानों की देखभाल करने वाले पटवारी कहां हैं? ऐसे में राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने 'कमल सुविधा केंद्र' खोलकर आपदा प्रभावित किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। यदि राजस्व विभाग के कर्मचारी आपकी फसल को हुए नुकसान का सर्वे नहीं भेज रहे हैं तो आप सीधे कमल सुविधा केंद्र के नंबर (07552558823) पर शिकायत कर सकते हैं। कृषि मंत्री ने किसानों की समस्याओं के समाधान का दावा किया है।

प्रदेश के भोपाल, उज्जैन, सागर और ग्वालियर संभाग के कुछ जिलों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान होने की खबर है। इससे मूंग, मसूर, चना, सरसों, आलू, टमाटर समेत अन्य बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचा है। नुकसान का आंकलन करने के बाद रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
गौरतलब है कि विदिशा, राजगढ़, गुना सहित अन्य जिलों में ओलावृष्टि की वजह से गेहूं और चना की फसल प्रभावित हुई है। विदिशा के लटेरी क्षेत्र में फसल को अधिक नुकसान हुआ है। वहीं, भोपाल जिले में तेज हवा के साथ वर्षा होने से कुछ जगहों पर खेत में फसल बिछ गई। पूर्व कृषि संचालक जीएस कौशल का कहना है कि चना, अरहर और सब्जियों को बहुत नुकसान हुआ है। चना और अरहर में फूल आ गए थे, जो तेज बारिश से झड़ गए। वहीं, गेहूं की वो किस्म, जिनकी लंबाई अधिक होती है, वो खेतों में बिछ गई है। ये फसल भी प्रभावित होगी। ओलावृष्टि जिन खेतों में हुई है, वहां फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। इसका नुकसान किसानों को होगा।
शिकायत करने से पहले सर्वे करें
कृषि मंत्री कमल पटेल ने ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजगढ़ और गुना जिलों के कलेक्टरों से चर्चा कर निर्देश दिये कि किसानों की शिकायत के पूर्व सर्वे टीम उनके खेतों में जाकर उनका सर्वे कराये। सर्वे की वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से कराई जाए। पंचनामा पर किसान के हस्ताक्षर कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
फसल बीमा योजना का लाभ देने के निर्देश
कृषि मंत्री ने कहा कि ओलावृष्टि के दूसरे ही दिन राजगढ़ प्रशासन ने फसल बीमा के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। राजगढ़ कलेक्ट्रेट कार्यालय की ओर से छह जनवरी की रात ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के संबंध में टीम बनाकर दावा राशि उपलब्ध कराने की रिपोर्ट प्रस्तुत कर 7 जनवरी को ही अधिसूचना जारी कर दी गयी थी।
नुकसान का सही आकलन करें
पटेल ने किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के निर्देश दिए हैं। कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों की फसलों को हुए नुकसान का आंकलन ठीक से हो। हर किसान को संतुष्ट करें। किसानों को आश्वासन दिया गया कि उन्हें नुकसान का मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार किसानों के साथ है। उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है। बीमा कंपनियों को मुआवजे के लिए भी निर्देश दिए हैं।
वहीं, कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष बोवनी का काम मध्य दिसंबर तक चलता रहा है। ऐसी फसलों को नुकसान नहीं होगा। नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। जिन खेतों में फसलें प्रभावित हुई हैं, उनका पंचनामा तैयार किया जाएगा और राजस्व विभाग के तय प्रविधानों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को सर्वे के निर्देश दे दिए हैं। किसी भी किसान को घबराने की जरूरत नहीं है। संकट की हर घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है।