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सात दिन और नहीं बरसा पानी तो सूख जाएंगी फसलें
भू-अभिलेख प्रभारी जी.एल. खराड़ी ने बताया जिले में अब तक 6.4 इंच बारिश हुई है। मंदसौर केंद्र पर सिर्फ 2.8 इंच बरसात हुई है। यहां खरीफ का रकबा सबसे ज्यादा 93 हजार हेक्टेयर है। इसमें 80 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन है। यह सही है कि बारिश कम होने से किसान की चिंता बढ़ी है। बारिश की खेंच से करीब 20 हजार हेक्टेयर की फसल प्रभावित हो सकती है। हालांकि खरीफ या सोयाबीन को लेकर अभी दोबारा बोवनी या फसल खराब होने को शिकायत नहीं आई है। कुछ क्षेत्रों में किसानों ने जरूर दोबारा बोवनी की तैयारी की है। उन्होंने बताया मल्हारगढ़ में 5.7 इंच, कयामपुर में 4.6 इंच बारिश होने से खरीफ को लेकर चिंता बढ़ी है। इसका कारण बारिश की खेंच है। नियमित अंतराल में बारिश होने पर स्थिति अनुकूल होती।
इधर बेहतर स्थिति है-गरोठ क्षेत्र में 10 इंच और शामगढ़ भानपुरा में 7 इंच से अधिक बारिश होने के कारण सोयाबीन सहित अन्य सभी फसलें काफी बड़ी हो गई है। यहां पानी कि अब तक कोई परेशानी नहीं है। साठखेड़ा के अमरसिंह मीणा के अनुसार सोयाबीन की फसल अच्छी है। अब तो खरपतवार हटाकर कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं। देथली बुजुर्ग के हुकुमचंद र|ावत के अनुसार भी अभी फसल को कोई नुकसान नहीं है।
मंदसौर में सिर्फ 2.8 इंच बरसात
टूटती उम्मीद, बारिश से लगी आस
दलौदा के पटलावदा के किसान माणकलाल भंसाली ने बताया उन्होंने 6 बीघा में सोयाबीन बोई है। 20 जून के आसपास बोवनी की थी। फसल को दो बार बारिश का पानी मिला। खेतों की नमी से फसल बचाने की कोशिश की जा रही है। 24 दिन की फसल हो गई लेकिन पानी की कमी से ग्रोथ प्रभावित हुई है। अब तो तीखी धूप से पौधे मुरझाने लगे हैं। इस सप्ताह में बरसात नहीं हुई तो फसल सूखने लगेगी। नगरी के किसान रामेश्वर धाकड़ ने बताया उन्होंने 8 बीघा में सोयाबीन बोई है। बारिश नहीं होने से फसल की प्रगति रुक गई तो पौधे छोटे रह गए। ऐसे में फली छोटी आएगी और उत्पादन प्रभावित होगा। अभी तो यह स्थिति है। इस सप्ताह में पानी नहीं आया तो फसल सूखने लगेगी। उनकी फसल 18 दिन की हो गई है। खेत की नमी से फसल बचाए रखना अब मुश्किल हो रहा है।
सिटी रिपोर्टर | मंदसौर
जिले में 20 दिन से ज्यादा लंबी बारिश की खेंच ने किसानों को परेशान कर दिया है। हालत यह है कि इस सप्ताह बारिश नहीं हुई तो फसलें सूख जाएंगी। खरीफ फसल के लिए जो किसानों बारिश ही निर्भर हैं उन्हें फिर से बोवनी करना पड़ेगी। इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। कृषि विभाग ऐसे किसानों की संख्या 20 से 30 प्रतिशत तक बता रहा है। हालांकि सीतामऊ से लेकर भानपुरा तहसील तक अच्छी बारिश के कारण फसलें भी अच्छी स्थिति में हैं।
जिले में खरीफ का रकबा 3 लाख 30 हजार हेक्टेयर है। इसमें सबसे ज्यादा 2 लाख 81 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है। जिले में मानसून की दस्तक 14 जून काे होने के बाद पूरे सप्ताह नियमित अंतराल से बारिश हुई। मंदसौर, मल्हारगढ़, दलौदा क्षेत्र में 15 जून से 26 जून के बीच अनुकूल स्थिति बनने से 90 प्रतिशत तक बोवनी हो गई। गरोठ, भानपुरा में नियमित अंतराल से बारिश होने से खरीफ फसल अच्छी स्थिति में है। मंदसौर, मल्हारगढ़ में स्थिति गड़बड़ा गई। उपसंचालक कृषि आर.एल. जमरा के अनुसार मंदसौर 20 से ज्यादा दिन की खेंच के कारण सबसे ज्यादा प्रभाव सोयाबीन की फसल पर हुआ है। कहीं फसल मुरझाने लगी है तो कहीं पत्ते पीले पड़ने लगे हैं।
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