Kisan News: खेती करना बहुत धैर्य का काम है। कभी ओलावृष्टि, बाढ़ और तूफ़ान के कारण, कभी फसल की बीमारियों के कारण, तो कभी बारिश की कमी के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। किसान हर साल इस उम्मीद से फसल लगाता है कि इस बार उसे अच्छा मुनाफा होगा और उसकी परेशानियां दूर हो जाएंगी। लेकिन उनका इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। एक ऐसा ही वाकया सामने आया है मध्यप्रदेश के मंदसौर जिलें के धुंधडका गांव का, जहां पर बारिश की कमी के बिच तापमान 32 डिग्री के पार पहुंच गया है। जिसके कारण खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसल सूखने लगी है।
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में बारिश की बेरुखी से किसान परेशान हैं। लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण सोयाबीन की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा है। दरअसल, सोयाबीन की फसल सूखने से परेशान किसान ने खड़ी फसल पर रोटावेटर चला दिया, क्योंकि उसकी 10 बीघे की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। लंबे समय से बारिश नहीं होने से जिलें भर के किसान चिंतित हैं। इस क्षेत्र में अब तक आधे से भी कम बारिश हुई है, जो किसानों के लिए चिंता का विषय है।
मंदसौर जिले के धुंधडका गांव में किसान अशोक धाकड़ की 10 बीघा की सोयाबीन फसल सूखने लगी। जिससे परेशान होकर किसान अशोक धाकड़ ने खड़ी फसल पर रोटावेटर चला दिया। किसानों का कहना है की अगर अभी बारिश हो भी गयी तो सोयाबीन फसल की कटाई का खर्च अधिक होगा और पैदावार कुछ भी नहीं होगी। और बारिश नहीं होने की वजह से सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट होने की कगार पर है। कुओं का जलस्तर भी नहीं बढ़ पाया जिसके कारण खरीफ फसल के बाद रबी फसल के भी प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में किसानों के सामने दोहरा संकट पैदा हो गया है। प्रशासन से मांग है कि इसका उचित सर्वे कर मुआवजा दिया जाए ताकि हम किसानों के जीवनयापन पर संकट ना आए।
राज्य में सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। हालाँकि, पिछले कई वर्षों में राज्य में सोयाबीन के उत्पादन में गिरावट आई है। इसके पीछे मौसम के साथ-साथ फसल में लगने वाली बीमारियां भी बड़ी वजह रही हैं।