कृषि के लिए लोन देने की लिमिट बढ़ाई, एमएसपी पर खरीद रहेगी जारी और भी कई बड़े ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने नए दशक का पहला बजट पेश किया। इसमें समाज के सभी वर्गों को खुश करने का प्रयास किया गया। बजट में रेल, रोड, मेट्रो समेत तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के ऐलान के साथ ही वित्त मंत्री ने किसानों के लिए भी कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं जिनसे किसानों को काफी फायदा होगा।
कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपए आवंटित नए बजट में कृषि के लिए लोन देने की लिमिट को बढ़ाया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को सस्ता लोन मिल सके। इसके लिए वित्त मंत्री ने कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपए आवंटित करने का ऐलान किया है जो पिछले बजट से कहीं ज्यादा है। पिछले बजट में कृषि के लिए 15 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था। बता दें कि इस बार बजट की छपाई नहीं होगी। इसलिए वित्त मंत्री इस बजट को टैबलेट के जरिए पेश किया हैं। इसके तहत सरकार ने डिजिटल इंडिया का संदेश देने का फैसला लिया है। यह देश का पहला पेपरलेस बजट है।
बजट में किसानों को मिली ये सौगातें
- निर्मला सीतारमण ने किसानों के लोन की लिमिट बढ़ाने की बात कही। बजट में कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया गया।
- वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की फसलों पर लागत से कम से कम डेढ़ गुना ज्यादा रकम देने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने किसानों को 75 हजार करोड़ रुपए ज्यादा दिए हैं। किसानों को दिए जाने वाले भुगतानों में भी तेजी की गई है।
- किसानों के एमएसपी पर बने भ्रम को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश भर में फसलों की एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी।
- पश्चिम बंगाल के चाय बागान मजदूरों के लिए भी वित्त मंत्री ने 1,000 करोड़ रुपए के आवंटन का ऐलान किया।
- निर्मला सीतारमण ने कहा कि पशुपालन, डेरी और मछली पालन से जुड़े किसानों की आमदनी बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण आधारभूत ढांचे के विकास के लिए आवंटन 30,000 करोड़ से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपए किया जा रहा है।
- सिंचाई की तकनीकों को बढ़ाने के लिए नाबार्ड के तहत 5,000 करोड़ रुपए का माइक्रो इरिगेशन फंड तैयार किया गया है। इस फंड को अब दोगुना किया गया है। ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दायरे में जल्दी खराब होने वाले 22 और उत्पादों को शामिल किया जाएगा। ई-नाम के तहत 1.68 करोड़ किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।
- मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए देश के पांच बंदरगाह कोच्चि, चैन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट को मत्स्य बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा।
- नदियों, जलमार्गों के किनारे स्थित अंतरदेशीय मत्स्य बंदरगाहों और फिश लैंडिंग सेंटर का भी विकास किया जाएगा।