दीमक
बाजरे की फसल के लिए बहुत ही हानिकारक होता है, इसके दुष्प्रभाव पर रोक लगाने के लिए 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से क्लोरोपाइरीफॉस का पौधों की जड़ों में छिड़काव करें इस से काफी सुधार देखने को मिलेंगे या फिर हल्की वर्षा के समय मिट्टी में मिलाकर बिखेर दें|
तना मक्खी
तना मक्खी की गिडारें और इल्लियां प्रारंभिक अवस्था में पौधों की बढ़ने की क्षमता को रोक देती हैं जिससे पौधे सूखने लगते हैं। इसके प्रभाव की रोकथाम के लिए 15 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से फॉरेट या 25 किलोग्राम प्रति हैक्टर फ्यूराडोन (3 प्रतिशत) या 25 किलोग्राम प्रति हैक्टर मैलाथियान (5 प्रतिशत) खेत में डालना चाहिए।
सफेद लट
सफ़ेद लट पौधों की जड़ों को काटकर फसल की भिन्न- भिन्न अवस्थाओं में बाजरे की फसल को नुकसान पहुंचाती है। इसको रोकने के लिए फ्यूराडॉन 3 प्रतिशत या फॉरेट 10 प्रतिशत दानों को 12 किलोग्राम प्रति हैक्टर की दर से बाजरे की बुवाई के समय मिट्टी में डालना चाहिए। जिससे की आपको इन कीटो से छुटकारा मिलता है।