Medicinal Plant: आयुर्वेद में महुआ का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोग किया जा रहा है। महुआ में बहुत से पोषक तत्व होते हैं। जिनके कारण यह त्वचा समस्याओं आदि में फायदेमंद होता है। बता दें कि महुआ के फूल उत्तेजक, शांतिदायक, रेचक, कृमिनाशक और कफ से राहत देने वाले होता हैं। महुआ फूल की तासीर ठंडी होती हैं फिर भी इसे सर्दी, खांसी, ब्रोंकाइटिस और दूसरे श्वसन विकारों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता हैं।
बीज का उपयोग
महुआ बीज का तेल गैलेक्टोजेनिक (स्तन के दूध को उत्तेजित करने वाला), दर्द से राहत देने वाला और उल्टी उत्तेजित करने वाला होता है। इनका उपयोग निमोनिया, त्वचा रोगों और बवासीर में किया जाता है। महुआ की छाल टॉन्सिलिटिस, मसूड़ों की परेशानी मधुमेह और अल्सर के लिए प्रयोग की जाती है। पेड़ की पत्तियों में एल्कलॉइड, कार्बोहाइड्रेटए प्रोटीनए सैपोनिन, टैनिन, ट्राइटरपीनोइड्स पाया जाता है और तेलों की अनुपस्थिति होती हैं। यह पारंपरिक रूप से उपचारक के रूप में उपयोग किए जाते हैं। ब्रोंकाइटिस, गठिया, सिर दर्द और बवासीर के लिए भी उपयोग किए जाते हैं।
महुआ की शराब
अल्कोहल किण्वित दवाओं (असावा और अरिष्ट) की तैयारी के लिए आयुर्वेद में महुआ के फूलों को किण्वन एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। जिससे महुआ की शराब बनाई जाती है। जिसका विभिन्न औषधीय रूपों में उपयोग किया जाता है।
छाल से गठिया दूर
आयुर्वेद के गठिया के दर्द और सूजन को दूर करने के लिए आप महुआ की छाल का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप महुआ की छाल को पानी में उबाल कर काढ़ा तैयार करें और इसका सेवन करें। इसके अलावा महुआ तेल को प्रभावित क्षेत्र में लगाएं और मालिश करें।
मधुमेह के लिए
मधुमेह रोगीयों को महुआ की छाल से बने काढ़े का सेवन करने पर लाभ प्राप्त हो सकता है। महुआ के पेड़ को औषधीय पेड़ माना जाता है। जिसके औषधीय गुण शरीर में रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
एक्जिमा के लिए
महुआ पेड़ के फायदे एक्जिमा जैसी समस्याओं को • प्रभावी रूप से ठीक कर सकते हैं। इसके लिए आप महुआ के पत्तों में तिल का तेल लगाएं और इन्हें गर्म करें। इन गर्म पत्तों को एक्जिमा प्रभावित क्षेत्र में रखें और सिकाई करें। यह विधि एक्जिमा से छुटकारा दिलाने की सबसे आसान और प्रभावी विधियों में से एक है।
दांतों के लिए
यदि आपके दांतों में दर्द हो रहा है अथवा मसूड़ों से खून निकल रहा है तो महुआ की छाल बहुत ही फायदेमंद होती है। महुआ की छाल से निकलने वाले तरल पदार्थ को एकत्र करें और इसे 300 मिली लीटर पानी में मिलाएं। इस पानी से गरारे करें। यह मुंह के बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है।
दस्त का इलाज
दस्त के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है। दस्त के घरेलू उपाय के रूप में महुआ की छाल से बने काढ़े का सेवन किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि दस्त के दौरान नियमित रूप से दिन में 2 कप महुआ की छाल के काढ़े का सेवन किया जाना चाहिए। यह शरीर में पानी की कमी को भी दूर करने में मदद करता है।
स्तन दूध में सुधार
दस्त में छाल के आसव का एक कप मौखिक रूप से दिन में दो बार लिया जाता है। तने की छाल का काढ़ा जलशीर्ष और ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
खुजली के लिए
त्वचा रोगों में महुआ के फूलों का रस भी बाहरी रूप से लगाया जाता है।