Agriculture Advisory: साप्ताहिक मौसम पर आधारित कृषि सम्बंधी सलाह 02 मार्च, 2022 तक के लिए कृषि परामर्श सेवाओं,
कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी जाती है।
कोरोना (कोविड़-19) के गंभीर फैलाव को देखते हुए किसानों को सलाह है कि तैयार सब्जियों की तुड़ाई तथा अन्य कृषि कार्यों के दौरान भारत सरकार द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क का उपयोग, साबुन से उचित अंतराल पर हाथ धोना तथा एक दूसरे से सामाजिक दूरी बनाये रखने पर विशेष ध्यान दें।
इस सप्ताह तापमान तथा हवाएं चलने की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि फसलों तथा सब्जियों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें।
मूंग और उड़द की फसलों की मार्च में करें बुवाई
मौसम को ध्यान में रखते हुए मूंग और उड़द की फसलों की मार्च में बुवाई हेतु किसान किसी प्रमाणित स्रोत से उन्नत बीजों का संग्रह करें। मूंग– पूसा विशाल, पूसा बैसाखी, पी.डी एम-11, एस एम एल-32; उड़द– पंत उड़द-19, पंत उड़द-30, पंत उड़द-35, पी डी यू-1। बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें।
भिंडी की उन्नत किस्मों की करें बुवाई
इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि भिंडी की ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि किस्मों की बुवाई शुरू करें| बुवाई से पूर्व खेतों में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। बीज की मात्रा 10-15 कि.ग्रा./एकड़।
गेहूं की फसल में रतुआ रोग की रोकथाम
मौसम को ध्यान में रखते हुए गेहूँ की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ की निगरानी करते रहें। काला, भूरा अथवा पीला रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 (2.5 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें। पीला रतुआ के लिये 10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान उप्युक्त है। 25 डिग्री सेल्सियस तापमान से उपर रोग का फैलाव नहीं होता। भूरा रतुआ के लिये 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ नमी यूक्त जलवायु आवश्यक है। काला रतुआ के लिये 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान ओर नमी रहित जलवायु आवश्यक है।
सब्जियों और सरसों की फसल में चेपा कीट की रोकथाम के उपाय
वर्तमान शुष्क तथा बढते तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान सभी सब्जियों तथा सरसों की फसल में चेपा के आक्रमण की निगरानी करें। यदि कीटों क़ी सख्याँ अधिक हो तो नियंत्रण के लिए सब्जियों में इमिडाक्लोप्रिड @ 0.25-0.5 मि.ली./ लीटर पानी की दर से सब्जियों की तुडाई के बाद करें। सब्जियों की फसलों पर छिड़काव के बाद एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें। बीज वाली सरसों पर चेपा के आक्रमण का विशेष ध्यान दें।
मूली, फ्रेंच बीन की बुवाई हेतु वर्तमान तापमान अनुकूल
गर्मी के मौसम वाली मूली, फ्रेंच बीन की बुवाई हेतु वर्तमान तापमान अनुकूल है क्योंकि बीजों के अंकुरण के लिए यह तापमान उपयुक्त हैं। किसान उन्नत बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से ही प्राप्त करें। बुवाई से पूर्व खेतों में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें।
टमाटर, मिर्च, कद्दूवर्गीय सब्जियों के तैयार पौधों की करें रोपाई
मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान टमाटर, मिर्च, कद्दूवर्गीय सब्जियों के तैयार पौधों की रोपाई इस सप्ताह कर सकते हैं।
प्याज की फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की करें निगरानी
इस मौसम में प्याज की समय से बोयी गई फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें। कीट के पाये जाने पर कानफीड़ोर @ 0.5 मिली./ 3 ली. पानी किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि(1.0 ग्रा. प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें तथा नीला धब्बा रोग की निगरानी करते रहें। रोग के लक्षण पाये जाने पर डाएथेन- एम-45 @ 3 ग्रा./ली. पानी किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि(1 ग्रा. प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें।
टमाटर की फसल में फली छेदक कीट से बचाव के उपाय
टमाटर के फलों को फली छेदक कीट से बचाव हेतु किसान खेत में पक्षी बसेरा लगाए। वे कीट से नष्ट फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें। साथ ही फल छेदक कीट की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंश @ 2-3 प्रपंश प्रति एकड़ की दर से लगाएं।
बैंगन की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव के उपाय
बैंगन की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड कीटनाशी 48 एस.सी. @ 1 मि.ली./ 4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।