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देशभर में मौसम के बदलते हालात किसानों के लिए अगले कुछ दिनों में खास एहतियात बरतने की चेतावनी दे रहे हैं। भारत मौसम विभाग (IMD) ने आगामी 7 दिनों के लिए कई राज्यों में भारी बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ-साथ हीट वेव (लू) और उमस भरे मौसम की भविष्यवाणी की है।
पूर्वोत्तर भारत में
भारी बारिश की संभावना:
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पूर्वोत्तर भारत के किसान भाई ध्यान दें — असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और
त्रिपुरा में 24 से 27 अप्रैल तक
हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक और 60
किमी/घंटा तक की तेज हवाएं चल सकती हैं।
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24
अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश और असम-मेघालय में बहुत भारी बारिश का अनुमान है।
दक्षिण भारत में भी
बारिश और आंधी:
तमिलनाडु,
केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप और
अंडमान-निकोबार में भी अगले 7 दिनों
तक कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक और तेज हवाओं का असर रहेगा।
झारखंड में 27 अप्रैल को ओलावृष्टि की चेतावनी:
झारखंड के कुछ इलाकों में 27 अप्रैल को ओले गिरने की संभावना है, जिससे खड़ी फसल
को नुकसान हो सकता है। किसान भाई अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम
उठाएं।
तापमान में बदलाव:
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उत्तर भारत और पूर्व भारत में तापमान में 2-3 डिग्री
सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है।
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गुजरात,
पश्चिम राजस्थान और मध्य भारत में तापमान स्थिर रहने के बाद धीरे-धीरे बढ़
सकता है।
लू और उमस भरे मौसम की
चेतावनी:
लू (Heat
Wave) की स्थिति निम्नलिखित राज्यों में 24 से 29 अप्रैल तक बनी
रह सकती है:
पश्चिम मध्य प्रदेश,
राजस्थान, पूर्वी
मध्य प्रदेश, उत्तर
प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, विदर्भ, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र
(मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र)
गर्म रातों (Warm
Nights) की चेतावनी:
बिहार,
ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में 24-25 अप्रैल को रात का तापमान ज्यादा रहने की संभावना है।
उमस भरा (Hot
& Humid) मौसम:
तमिलनाडु,
आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल, गुजरात में उमस
भरा मौसम 24 से 29 अप्रैल तक बना
रह सकता है।
किसानों के लिए सुझाव:
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धान,
मक्का और सब्जियों की फसल में भारी बारिश से नुकसान की संभावना को देखते हुए
खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें।
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तेज हवाओं से केले,
आम, पपीता
जैसी फलों की फसल को नुकसान हो सकता है,
इसलिए सहारा दें या बाँधकर रखें।
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जहां लू की चेतावनी है, वहां किसान सुबह-शाम सिंचाई करें और दोपहर में खेत के काम
से बचें।
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पशुओं को ठंडी और छायादार जगह में रखें व स्वच्छ पानी की
व्यवस्था सुनिश्चित करें।
देश में बदलते मौसम के मिजाज को देखते हुए किसानों को सतर्क
रहना बेहद जरूरी है। बारिश से जहां एक ओर राहत मिलेगी, वहीं लू और
ओलावृष्टि से फसल को नुकसान भी हो सकता है। इसीलिए सही जानकारी और सतर्कता ही
सफलता की कुंजी है।
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