जिले के अनानास उत्पादक किसानों के जीवन स्तर बदलने व उन्हें समृद्ध करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिये कृषि विभाग ने अनानास उत्पादक किसानों का समूह बनाने की तैयारी चल रही है। समूह के जरिये अनानास उत्पादक किसानों को न सिर्फ सरकारी लाभ दिलाया जाएगा बल्कि उन्हें उनके उत्पाद का उचित बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग ने खांचा तैयार किया है। जल्द ही अनानास उत्पादक किसानों के साथ पोठिया में कृषि, उद्यान, कॉपरेटिव विभाग के अधिकारी बैठक करेंगे।
जिसमे इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी। कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के तहत किसानों का एफपीओ(फॉर्मर प्रोडक्शन आर्गेनाईजेशन) को निबंधित कराया जाएगा। ताकि विभाग से सरकारी लाभ दिलाने में परेशानी न हो। जरूरत पड़ी तो नाबार्ड के सहयोग से प्रशिक्षण दिलाकर किसानों को छोटे स्तर पर अनानास प्रोसेसिंग यूनिट लगवाकर उसका जूस, जैम आदि तैयार करवाकर उसकी मार्केटिंग भी करवाई जाएगी। नव पदस्थापित जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने बताया कि यहां के किसानों में नए तकनीक से कृषि के क्षेत्र नई क्रांति लाने में रुचि नहीं है। यही कारण है कि आज भी कृषि के क्षेत्र में उतनी तरक्की नहीं हो पाई है।
किसान सरकारी योजना का लाभ सही से नहीं उठा पा रहे हैं। इन्होंने बताया कि हमने जिले की पहचान बनी अनानास व ड्रैगन फ्रूट किसानों के लिये एक योजना तैयार की है। पहले अनानास किसानों के साथ बैठक कर 25 से 30 किसानों का एफपीओ तैयार करवाया जाएगा। फिर समूह के जरिये सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाते उनके उत्पाद का बेहतर बाजार दिलाने की कोशिश की जाएगी। इन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान अनानास किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी है। उन्हें अपने उत्पाद को औने-पौने दाम में बेचना पड़ा था। जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। किसानों के इस स्थिति को देखने के बाद उन्होंने यह योजना तैयार किया है।