आम भारत का ही नहीं, देश-विदेश की अधिकांश जनसंख्या का भी एक पसंदीदा और सबसे लोकप्रिय फल है। इसका स्वाद, उपलब्ध पोषक तत्वों, विभिन्न क्षेत्रों एवं जलवायु में उत्पादन क्षमता, आकर्षक रंग, विशिष्ट स्वाद और मिठास आदि विशेषताओं के कारण इसे फलों का राजा कहा जाता है।
आम के बौर को बचाने के उपाय
देश में इस बार आम के पेड़ों पर बहुत अच्छा बौर खिला हुआ है। किसानों को आम की बीमारियों के प्रति सचेत करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने बौर को सुरक्षित रखने के उपाय बताए। भारतीय कृषि प्रणाली संस्थान मोदीपुरम के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पुष्पेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम लगातार बागों में जाकर किसानों को बीमारियों से बचाव के उपाय बता रही है। उन्होंने बताया कि इस समय तापमान बढ़ रहा है और आर्द्रता लगभग 75 प्रतिशत है। इससे बौर काले या भूरे रंग के होने लगे हैं। ऐसे में किसानों को मेंकोजेब व कार्बेन्डाजिन 50% WP 2.5 प्रतिशत अर्थात 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। भुनगा कीट लगने पर 0.3 प्रतिशत अर्थात तीन मिलीलीटर कीटनाशक दवा दस लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव करते समय कीटनाशक या फफूंदनाशक के साथ में तरल साबुन, पाउडर या डिटर्जेंट का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि बौर को बीमारियों और कीड़ों से बचाने से आम की अच्छी पैदावार होने की संभावना है।