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आगरा: किसानो ने आलू की खेती के लिए तैयारियां चालू कर दी थी लेकिन अब उनके सामने नयी परेशानी आ गयी है। आलू की बुवाई के बाद पौधा बनकर तैयार ही हुआ था कि उस पर पटेटो मोजैक वायरस का अटैक हो गया। इस पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया तो उत्पादन घटने की आशंका है।
किसान भाई लंबे समय से आलू की फसल में नुकसान झेल रहे थे, जिसमे किसानों को इस वर्ष कुछ राहत मिली थी। उद्यान विभाग से मनमाफिक बीज नहीं मिलने के कारण अगली फसल के लिए किसानों ने अपना बीज ही प्रयोग किया है। खंदौली के आसपास क्षेत्र में पौधा अभी बनकर ही तैयार हुआ है, कि उस पर पटेटो मोजैक वायरस ने अटैक कर दिया है। ये वायरस माहू से फैलता है। जिससे पत्तियां सिकुड़ने लगी हैं, और पौधा की ग्रोथ रुकने की आशंका बनी हुई है। ऐसा हुआ तो आलू का कद छोटा रह जाएगा, जिससे उत्पादन घटेगा। इसको लेकर किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें आ गई हैं।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी का कहना है, कि रोग से प्रभावित फसल को बीज के रूप में प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे अगली फसल पर प्रभाव पड़ सकता है। एक, दो पौध हों तो उखाड़ कर मिट्टी में दबा दें। खेत में पटेटो मोजैक वायरस के प्रकोप के लक्षण अगर एक, दो या सीमित पौधों में हैं, तो उन्हें उखाड़ कर मिट्टी में दबा दें।
उप निदेशक कृषि डॉ. रामप्रवेश और सहायक विकास अधिकारी कृषि रक्षा ने खंदौली क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में संक्रमित पौधे मिले हैं, जिनकी पत्तियां सिकुड़ी हुई हैं। बची हुई फसल पर रोग न फैले इसके लिए किसान डायमिथोएट 30 फीसद, ईसी का एक लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
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