आने वाले पाँच दिनों में मध्यप्रदेश के कई जिलों में आसमान में हल्के से घने बादल रहने की सम्भावना है। साथ ही इस अंतिम दिना में वर्षा होने की सम्भावना है। वर्षा की सम्भावना को देखते हुये सभी खड़ी फसलों में सिंचाई तथा किसी भी प्रकार का छिड़काव ना करें।
देर से बोए गये गेहूं की फसल यदि 21 से 25 दिन की हो गयी हो तो पहली सिंचाई आवश्यकतानुसार करें। बाद में नत्रजन की शेष मात्रा का छिड़काव करें।
अंकुरण के 20 से 25 दिन में खपतवारनशी सल्फोसल्फयूरान 25 ग्राम एवं मेटसल्फयूरान 10 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें अथवा क्लोडिनोफॉफ प्रोपारगिल 60 ग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से छिटकाव करें।
चने की फसल में फली छेदक कीट के निगरानी हेतु फीरोमोन प्रपंश / 3-4 प्रपंश प्रति एकड़ उन खेतों में लगाए जहा पौधों में 10-15 फूल खिल गये हो। "ज" अक्षर आकार के पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न जगहों पर लगाए।
वर्तमान मौसम प्याज की बुवाई के लिए अनुकूल है। बीज दर 10 कि. ग्रा. प्रति हैक्टर बुवाई से पहले बीजों को केप्टान @ 5 ग्राम प्रति कि. ग्रा. बीज की दर से उपचार अवश्य करें।
प्याज की फसल में रोग एवं कीट के आक्रमण की निगरानी करें।
टमाटर में झुलसा रोग आने की संभावना है अतः फसल की नियमित रूप से निगरानी करें। लक्षण दिखाई देने पर कार्बेन्डिज़िम 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए शीत लहर का प्रकोप बढ़ रहा है पाले से बचाव के लिए मेड़ पर धुआं करें या खेत मे नमी बनाये रखें।
जिन किसानों की टमाटर, फूलगोभी, बन्दगोभी या अन्य मौसमी सब्जियों की पौधशाला तैयार है, उनके पौधों की तैयारी कर सकते हैं।
इस मौसम में तैयार बन्दगोभी, फूलगोभी, अदि की रोपाई मेड़ो पर जा सकते है।
गोभीवर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की निरंतर निगरानी करते रहे यदि संख्यों अधिक हो तो बी. टी. @ 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा @1.0 एम. एल. /3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।