Dairy Farming: डेयरी, जिसे डेयरी फार्मिंग भी कहा जाता है, कृषि की शाखा जिसमें दूध के उत्पादन के लिए डेयरी जानवरों, मुख्य रूप से गायों का प्रजनन, पालन-पोषण और उपयोग शामिल है और इससे संसाधित विभिन्न डेयरी उत्पाद शामिल हैं।
मानव उपभोग के लिए दूध मुख्य रूप से गाय और भैंस द्वारा उत्पादित किया जाता है। बकरी चीन, भारत और अन्य एशियाई देशों और मिस्र में भी एक महत्वपूर्ण दूध उत्पादक है। बकरी के दूध का उत्पादन यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी होता है लेकिन गाय के दूध की तुलना में बकरी का दूध अपेक्षाकृत महत्वहीन होता है। भैंस के दूध का उत्पादन कुछ देशों, विशेषकर भारत में व्यावसायिक मात्रा में किया जाता है। जहां इसका उत्पादन होता है, वहां भैंस के दूध का उपयोग उसी तरह किया जाता है जैसे गाय का दूध होता है, और कुछ क्षेत्रों में सामुदायिक दूध की आपूर्ति में दोनों का मिश्रण होता है। यह लेख डेयरी फार्मिंग के सिद्धांतों और प्रथाओं का इलाज करता है।
दूध उद्योग पशु पालन पर निर्भर एक व्यवसाय है,अर्थात जो पूर्ण तौर पर पशु पालन पर ही निर्भर करता है। इसलिए डेयरी उद्योग तभी शुरू किया जा सकता है जब पशुपालन से जुड़े हुए लोग डेयरी उद्योग में अपना योगदान दें।
दूध डेयरी कारोबार शुरू करने के लिए सही डायरेक्शन एवं प्लानिंग होना बहुत आवश्यक है, यदि सही डायरेक्शन एवं प्लानिंग ना की जाए तो डेयरी कारोबार को सक्षमता से चलाना बहुत कठिन होता है। डेयरी उद्योग को शुरू करने के लिए पशुओं को पाला जाता है। पशुओं के पालन के अलावा पशुओं की देखरेख व रखरखाव पर भी बहुत ध्यान देना पड़ता है।
डेयरी फार्म खोलने का तरीका
स्टेप 1: मार्केट की जानकारी (मार्केट रिसर्च) – डेयरी फार्म बिज़नेस शुरू करने से पहले आपको पूरी मार्केट रिसर्च करनी होगी। इसमें आपको बहुत सारी चीज़ों का ध्यान रखना पड़ेगा, जैसे की आपकी इनिशियल इन्वेस्टमेंट कितनी होगी, आप कौनसे प्रोडक्ट्स बेचेंगे, आपको कितनी लैंड की ज़रुरत होगी और साथ ही साथ आप यह फार्म अकेले मेन्टेन करेंगे या श्रमिकों को काम पे रखेंगे।
स्टेप 2: गाय/भैंस का चयन – यह भी एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट स्टेप है इस पूरे प्रोसेस का क्यूंकि इसमें आप अपने फार्म में जो गाय भैंस रखेंगे उनको सेलेक्ट करेंगे, जैसे की कौन सी ब्रीड़, क्या उनकी फिजिकल कंडीशन ठीक है , कितना दूध देती है इत्यादि।
स्टेप 3: मेडिकल सुपरविज़न – इस सबके बाद आपको अपने गाय/भैंस के लिए मेडिकल सुपरविज़न का भी इंतज़ाम करना पड़ेगा जिससे की उनकी देखभाल अच्छे से होती रहे और वह दूध देने के लिए स्वस्थ रहे।
स्टेप 4: गाय/भैंस को भोजन कराना – गाय/भैंस के खाने के लिए भूसा का इंतेजाम भी करना होगा, और इसके लिए आपको ऐसी मशीन भी खरीदनी पड़ेंगी जो घास को भूसा बनाने में आपकी मदद करेगी।
स्टेप 5: दूध निकालना (लैक्टेशन) – इसके बाद सबसे इम्पोर्टेन्ट स्टेप आता है। आपको अब अपने गाय/भैंस से दूध निकालना है जो की आप अपने हाथों (पुरानी तकनीक) से भी कर सकते हैं या फिर थोड़ा और खर्चा करके आप एक स्पेशल मशीन खरीद सकते हैं जो की आपकी मेहनत और समय दोनों बचाएगी।
स्टेप 6: वेस्ट मैनेजमेंट – यह भी इस प्रक्रिया का एक इम्पोर्टेन्ट स्टेप है क्यूंकि गाय का जो वेस्ट होता है, जिसे हम काऊ डंग या गोबर कहते हैं इसका कई इस्तेमाल है जैसे कि इसको आप अपने डेयरी फार्म में खाद की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्टेप 7: उत्पाद बेचना – इन सबके बाद आता है आखरी स्टेप जिसमें की आप अपने अलग अलग डेयरी प्रोडक्ट्स को बेचना शुरू करेंगे और इन सब प्रोडक्ट्स के लिए एक ऐसा प्राइस तय करेंगे जो की आपके सारे खर्चे को भी कवर करले और साथ ही साथ मार्केट में जो प्राइस है उसके आसपास ही हो।
गाय पालन के लिए मार्केट रिसर्च:
- गाय पालन का काम शुरू करने से पहले आपको जगह का बहुत अच्छे से ध्यान रखना होगा। आपको इन चीज़ों का ध्यान रखना होगा:
- इस बिज़नेस के लिए आपको बहुत सारी जगह/ज़मीन चाहिए होगी तभी आप अच्छा मुनाफा कमा पायेंगे।
- आप जिस भी जगह को चूसे करें ध्यान रखें वह क्लीन है क्योंकि गन्दी जगह में गायें बीमार पड़ सकती है।
- वहां ट्रांसपोर्टेशन की कोई दिक्कत न हो। आपके पास अच्छी ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटी हो ताकि आप अपना सामान मार्केट तक पंहुचा सकें।
- वह जगह पानी के श्रोत के आस पास हो। वहां पानी की सप्लाई आपके फार्म में अच्छे से आ सके।
- हो सके तो वो जगह शहर से दूर हो ताकि आपको कोई भी दिक्कत न हो।
- आप गायों के लिए अलग जगह ढूंढे क्यूंकि अगर आप यह बिज़नेस खुले में करेंगे तो गाय के विकास पे असर पड़ेगा।
- ऐसी जगह ढूंढे जो चारो तरफ से बंद हो जिससे की आपकी गायें आपके फार्म से बाहर न निकलें।
- गाय/भैंस की नस्लें (ब्रीड )
- भारत में गाय /भैंस की बहुत सी देसी और विदेशी नस्लें मौजूद हैं, जिसमें से आप कोई भी पसंद कर सकते है। आप एक डेयरी फार्म में गाय और भैंस दोनों को साथ में भी रख सकते है।
प्रॉफिटेबल कमर्शियल डेयरी प्रोडक्शन के लिए नस्लें:
- भैंस की प्रमुख नस्लें: मुर्रा, सुरती, मेहसानी, जाफराबादी, भदावरी इत्यादि।
- गाय की प्रमुख नस्लें: गिऱ, सहीवाल, रेड सिंधि, थरपारकर इत्यादि।
- आप प्रोडक्टिव फॉरेन ब्रीड्स के साथ भी जा सकते हैं जैसे कि होलस्टीन फ्रेज़ियन, ब्राउन स्विस,और जर्सी गाय। यह सारे ब्रीड्स इंडियन कंडीशन में ढलने के लिए उपयुक्त हैं।