कृषि वैज्ञानिक की सलाह
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के कृषि वैज्ञानिक एक नई कृषि सलाह लेकर आए हैं।
जिसमें उन्होंने कहा है कि आने वाले सप्ताह में बढ़ते तापमान को देखते हुए तेज हवा चलने की संभावना है, जो फसलों के लिए प्रतिकूल मानी जा रही है।
वैज्ञानिकों की सलाह को देखते हुए ऐसे में किसानों को फसलों का अधिक रख-रखाव करना होगा, तो आइए जानते हैं वैज्ञानिकों द्वारा दी गई सलाह।
फसलों में करे हल्की सिंचाई
वैज्ञानिकों ने कहा कि किसान जरूरत के मुताबिक फसलों में हल्की सिंचाई करें। साथ ही किसान सभी सब्जियों, दालों, मक्का और नर्सरी में जल निकासी की समुचित व्यवस्था करें।
सरसों की फसल में चेपा रोग की रोकथाम
वैज्ञानिकों के अनुसार सरसों की फसल में सूखेपन और बढ़ते तापमान से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए सभी किसान अपनी सब्जियों की फसल में एक लीटर पानी में 25-0.5 मिली इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें ताकि सरसों की फसल में चेपा रोग न हो।
भिंडी की करें अगेती बुआई
बढ़ते तापमान की आशंका को देखते हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान अपने खेतों में भिंडी की बुवाई करें। भिंडी की बुवाई के लिए खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। एक एकड़ में 10 से 15 किलो बीज बोएं। इसके लिए किसान भिंडी किस्म ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि किस्मों का चयन करें। साथ ही मौसम को देखते हुए किसान टमाटर, मिर्च, कद्दू जैसी सब्जियों के तैयार पौधों की इस सप्ताह रोपाई कर सकते हैं।
किसान मार्च के महीने में मूंग और उड़द की बुवाई करें
इसके अलावा वैज्ञानिकों ने किसानों को मार्च के महीने में मूंग और उड़द की फसल बोने की सलाह दी है। वैज्ञानिकों ने कहा कि किसानों को इन फसलों की बुवाई के लिए कोई प्रमाणित बीज खरीदना चाहिए। इसके साथ ही मूंग की उन्नत किस्में जैसे पूसा विशाल, पूसा बैसाखी, पीडीएम-11, एसएमएल-32 आदि और उड़द की पंत उड़द-19, पंत उड़द-30, पंत उड़द-35 और पीडीयू-1 आदि की बुवाई करें। बीजों को पहले फसल विशिष्ट राइजोबियम और फास्फोरस घुलनशील जीवाणुओं से उपचारित करें।
प्याज में थ्रिप्स कीट से बचाव के उपाय
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि प्याज की फसल में थ्रिप्स का खतरा हो सकता है। इसके लिए सलाह दी जाती है कि फसल पर कीट पाए जाने पर 0.5 मिली कानफीड़ोर की 3 लीटर मात्रा दें। इसे पानी के साथ चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल के साथ मिलाए और स्प्रे करें।