मध्यप्रदेश में इस साल मानसून में 1 जून से 13 सितम्बर के भीतर कुल मिलाकर 33 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है, लगभग 16 के करीबन जिलों में सामान्य तथा बाकी जिलों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज हुई है। आपको बता दे की इस साल सबसे ज्यादा वर्षा मंदसौर जिले में और सबसे कम बारिश सीधी जिले में दर्ज की गई है।
अगर हम सामान्य से ज्यादा बारिश वाले जिले की बात करे तो इनके अंतर्गत मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भोपाल, राजगढ़, रायसेन, शाजापुर, झाबुआ, सीहोर, रतलाम, खण्डवा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, गुना, बड़वानी, विदिशा, इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद, देवास, हरदा, जबलपुर, मण्डला, अशोकनगर, सिवनी, धार, सागर, अलीराजपुर, खरगोन, दमोह, बैतूल, सिंगरौली और श्योपुरकलां आदि जिले आते है।
अगर सामान्य बारिश वाले जिलों की बात की जाये तो डिण्डौरी, छिंदवाड़ा, उमरिया, अनूपपुर, छतरपुर, टीकमगढ़, शिवपुरी, मुरैना, भिण्ड, रीवा, कटनी, बालाघाट, सतना, ग्वालियर, दतिया और पन्ना जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई है।
शहडोल और सीधी सामान्य से कम वर्षा वाले जिले हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए आदेश
अधिक बारिश से हुए फसल नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को ज्यादा बारिश से जान-माल और फसल के नुकसान का शुरूआती आकलन करने के निर्देश दिए हैं ताकि इसके लिए बिना किसी देरी के क्षतिपूर्ति की राशि दी जा सके। इसके अलावा प्रदेश में रबी फसलों के लिए खाद की आवश्यकता का आकलन करने के लिए भी निर्देश दिए।
फसल बीमा योजना के तहत किसानो के खेतों का भी सर्वे किया जा रहा है। दर्ज की गई जानकारी के अनुसार अब तक 3400 किसानों ने फसल के भारी नुकसान की जानकारी दी है जिसमें से 2700 किसानों का सर्वे किया जा चुका है।