Monsoon 2024: गर्मी के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बड़ी खुशखबरी दी है। दक्षिण-पश्चिम मानसून 31 मई के आसपास केरल में दस्तक दे सकता है। आम तौर पर मानसून 1 जून को केरल पहुंचता है लेकिन इस बार इसमें सात दिनों का अंतर हो सकता है। केरल में प्रवेश की तारीख पूरे देश के तापमान नियंत्रण को दर्शाती है। मॉनसून 3 दिन पहले ही अंडमान सागर में प्रवेश कर रहा है। इसके इसी गति से आगे बढ़ने के संकेत भी मिल रहे हैं।
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मानसून आमतौर पर 1 जून को आता है और 15 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। वर्तमान में, मानसून की गति सामान्य से तेज है क्योंकि इसके 19 मई को बंगाल की खाड़ी से अंडमान और निकोबार पहुंचने की संभावना है। जो हर साल 22 मई को अंडमान निकोबार पहुंचती है यानी तीन दिन चलती है। इसी गति से यह 31 मई को केरल तट पर पहुंचेगा।
किस राज्य में कब एंट्री होगी मानसून की
- दक्षिण पश्चिम मॉनसून के 19 मई तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पहुंचने की उम्मीद है।
- इसके बाद यह 29 मई से 1 जून के बीच केरल में दस्तक दे सकता है।
- आम तौर पर, मानसून 10 जून तक महाराष्ट्र में प्रवेश करता है। इस साल इसके समय पर आने की उम्मीद है।
- 15 जून तक मानसून गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में प्रवेश कर सकता है। वहीं, 20 जून तक यह गुजरात और मध्य प्रदेश के अंदरूनी इलाकों में दस्तक दे सकता है।
- 20-25 जून के बीच उत्तर प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड और कश्मीर में भी मानसून के प्रवेश की संभावना है।
- राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में 30 जून को मॉनसून दस्तक दे सकता है और आगे बढ़ते हुए यह 8 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाएगा।
- हालांकि, अभी तक इन राज्यों के लिए आईएमडी की ओर से मॉनसून के आगमन की कोई निश्चित तारीख नहीं दी गई है।
फसलों के लिए अच्छी खबर
मानसून के प्रवेश के कारण इस बार 87 सेमी तक वर्षा होने की उम्मीद है, जो हमारे देश के किसानों की फसलों के लिए एक अच्छा संकेत है। क्योंकि खरीफ की फसल से अच्छी पैदावार लेने में बारिश अहम भूमिका निभाती है। देखा जाए तो खरीफ की फसलें मानसून की बारिश पर ही निर्भर रहती हैं।