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24 घंटे में तेज बरसात नहीं हुई और नदी में पानी नहीं आया तो नगरपालिका को दो दिन छोड़कर जलप्रदाय करने का निर्णय लेना पड़ सकता है। इसके लिए शनिवार शाम 4 बजे रामघाट प्लांट पर नपा अफसर और जलकल समिति की बैठक होगी। इधर िततरोद व अासपास शुक्रवार को तेज बारिश हुई।
शहर की जलप्रदाय व्यवस्था नपा के लिए चुनौती बन गई है। नदी के जलग्रहण क्षेत्र पिपलौदा, प्रतापगढ़ में बारिश ताे हुई लेकिन नदी में जलप्रवाह नहीं बना। इसके चलते कंथार से लेकर कालाभाटा तक नदी क्षेत्र के गड्ढों मेंं जमा पानी भी अब साथ छोड़ने लगा है। यानी नपा की जलप्रदाय व्यवस्था अगले 24 घंटे के अच्छे मानसून के आधार पर ही तय होगी। बारिश नहीं हुई तो दो दिन छोड़कर जलप्रदाय की स्थिति बन जाएगी।
जलकल समिति प्रभारी रामेश्वर मकवाना ने बताया नदी क्षेत्र में चैनल कटिंग से पानी आगे बढ़ाया जा रहा है। नदी क्षेत्र के 7 कुओं का अधिग्रहण हुआ है। इनके पानी का उपयोग भी जलापूर्ति के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया यह सही है कि नदी के मौजूदा पानी से लगातार पेयजल आपूर्ति आसान नहीं है। अब स्थिति पूरी तरह मानसून पर निर्भर है।
जुटा रहे 4 इंच पानी
रामघाट प्लांट प्रभारी आलम हुसैन ने बताया नपा द्वारा नदी क्षेत्र में कुओं का अधिग्रहण, नदी क्षेत्र में पंपिंग, चैनल कटिंग के साथ अन्य जतन के बाद भी रामघाट तक 4 इंच पानी पहुंच रहा था। रामघाट पर मौजूदा पानी से शहर में एक बार जलप्रदाय (दो लाख गैलन पानी सप्लाई) करने पर रामघाट का जलस्तर 5 इंच तक कम होता है। इसके चलते जलप्रदाय दो दिन छोड़कर करने का फैसला लिया जा सकता है। रामघाट पर फिलहाल आकलन और प्लांट पंपिंग के लिए 2.5 फीट का जलस्तर मेंटेन किया जा रहा है। पानी की जरूरत और नदी क्षेत्र से लाए जा रहे पानी के अंतर की रिपोर्ट भी बैठक में रखी जाएगी।
30 जून तक देगा पानी साथ
नपा जलप्रदाय प्रभारी व सहायक यंत्री सुधीर जैन ने बताया नदी के मौजूदा पानी से रोज 30 जून तक ही जलप्रदाय हो सकेगा। दो दिन छोड़कर जलप्रदाय करने पर नदी से 15 जुलाई तक पेयजल प्रबंधन की उम्मीद है। मानसून की उम्मीद में 14 जून को हुई बैठक में जलप्रदाय व्यवस्था बदलने का निर्णय टाला था। अब तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। उन्होंने कहा नपा ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। शनिवार को जलकल समिति को प्रस्ताव पर निर्णय लेना है।
तितरोद में शुक्रवार शाम 6 बजे हुई तेज बारिश।
तितरोद में तेज हवा के साथ बरसात, घरों की चद्दरें उड़ीं
मानसून के सक्रिय होने के बावजूद जिले में एक-सी बारिश का दौर शुरू नहीं हुआ है। शुक्रवार को सीतामऊ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में तेज बारिश हुई जबकि सीतामऊ नगर सहित मंदसौर शहर व ग्रामीण क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी हुई। दोपहर बाद काले बादल छाए और तेज हवा चली। इससे कुछ घरों की चद्दर उड़ गई। सीतामऊ के तितरोद में दिनभर उमस से शाम 6 बजे राहत मिली। मौसम में हुए बदलाव के बाद तेज हवा के बारिश हुई। तेज हवा के कारण बस स्टैंड, नई अाबादी के कुछ घरों की चद्दरें उड़ गई। बादलों की गरज और बिजली की चमक के साथ एक घंटा हुई तेज बारिश ने किसानों को खुश कर दिया। सीतामऊ में शाम को हल्की बारिश हुई।
मंदसौर में बादलों ने किया निराश-शुक्रवार को दोपहर बाद बादलों ने शहर में आमद दी। शाम 4 बजे छाए बादलों ने 6 बजे हल्की बारिश के साथ राहत दी। 10 मिनट हुई हल्की बारिश से सड़कें भीगी और मौसम में ठंडापन आ गया। अब लोगों को झमाझम का इंतजार है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री रहा। गुरुवार को यह 34.5 डिग्री था। इसमें 1.3 डिग्री की कमी आई। न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री रहा। 14 जून को अधिकतम तापमान 41 डिग्री था। मानसून की दस्तक के बाद पांच दिन में अधिकतम तापमान में 7.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान में 3.3 डिग्री की कमी आई। इसके पूर्व 14 जून को न्यूनतम तापमान 26.1 डिग्री था।
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