वर्तमान समय में पारंपरिक फसलों की खेती करने वाले किसानों की हमेशा शिकायत रहती है कि उन्हें अपनी फसल से उस तरह का मुनाफा नहीं हासिल हो रहा है, जिस तरह की अपेक्षा है, इसके अलावा बेमौसम बारिश और आंधी तूफान से भी उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए भारत सरकार नई फसलों की खेती को प्राथमिकता दे रही है। कोरोना काल के बाद देश में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग में बहुत अधिक वृद्धि हुई है | ऐसे में देश को औषधीय क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई अभियान की शुरुआत की गई है | जिसमें आमजन एवं किसानों को औषधीय पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
"आयुष आपके द्वार अभियान" का उद्देश्य
आय़ुष मंत्रालय ने "आयुष आपके द्वार अभियान" की शुरुआत की। इस अभियान के तहत 21 राज्यों के 45 स्थानों पर 2 लाख से अधिक औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे। शुक्रवार को मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आयुष आपके द्वार अभियान की शुरुआत करते हुए राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेन्द्रभाई ने सभी को औषधीय पौधे लगाने की अपील की।
वर्तमान समय में औषधीय पौधे और उत्पाद की अधिक मांग
बता दें कि आयुष मंत्रालय आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में ये कार्मक्रम मना रहा है, इस महोत्सव के तहत मंत्रालय साल भर कई गतिविधां भी करेगा। बता दें कि कोरोना काल में बड़े पैमाने पर इन औषधीय पौधों और उनके उत्पादों की डिमांड बढ़ी थी। काढ़ा तैयार करने के लिए विशेष तौर से लोगों ने इन औषधीय पौधों की ओर तेजी के साथ रुख किया था।
अभियान में शामिल है ये पौधे
15 किस्म के औषधीय पौधों में जटामांसी, अश्वगंधा, घृतकुमारी या एलोवेरा, शतावरी, गुग्गुलु, कालमेघ, ब्राह्मी, तेजपत्ता, स्टीविया, अशोक, गिलोय, लेमनग्रास, तुलसी, सर्पगंधा और आंवला भी शामिल हैं। बता दें कि इस महोत्सव की शुरुआत भोपाल के शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के हर्बल गार्डन से की जाएगी।