सरकार ने कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स, एग्री टेक खिलाड़ियों और किसान समूहों को बुनियादी ढांचे और रसद सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कोष के साथ एक कृषि-इंफ्रा फंड स्थापित करने को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। एग्री इंफ्रा फंड कोविड-19 करोड़ रुपये के जवाब में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा था।
इसकी जानकारी देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- यह ऐतिहासिक फैसला है। इससे कृषि क्षेत्र और मजबूत होगा। उन्होंने कहा, नए एग्री-इंफ्रा फंड, जिसकी अवधि 2029 तक 10 साल होगी, का उद्देश्य ब्याज अनुदान और वित्तीय सहायता के माध्यम से फसल के बाद प्रबंधन बुनियादी ढांचे और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम से दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा प्रदान करना है। इसके तहत करीब 1 लाख रुपये का ला दिया गया है।
इसके तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा प्राइमरी एग्री क्रेडिट सोसायटीज, किसान समूहों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), एग्री एंटरप्रेन्योर्स, स्टार्ट-अप्स और एग्री टेक प्लेयर्स को लोन के तौर पर करीब 1 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। टी (टी) में 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी से शुरू होकर चार साल में ऋण वितरित किए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि इस वित्तपोषण सुविधा के तहत सभी ऋणों में 2 करोड़ रुपये की सीमा तक प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की ब्याज छूट होगी। यह अनुदान अधिकतम सात वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध होगा। इसके अलावा, क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) योजना के तहत इस वित्तपोषण सुविधा से पात्र उधारकर्ताओं के लिए 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज उपलब्ध होगा। इस कवरेज के लिए शुल्क का भुगतान सरकार (सरकार) द्वारा किया जाएगा।
इसके अलावा, क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) योजना के तहत इस वित्तपोषण सुविधा से पात्र उधारकर्ताओं के लिए 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज उपलब्ध होगा। इस कवरेज के लिए शुल्क का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। एफपीओ के मामले में कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएफडब्ल्यू) की एफपीओ संवर्धन योजना के तहत बनाई गई सुविधा से ऋण गारंटी का लाभ उठाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र/राज्य/स्थानीय निकायों द्वारा प्रायोजित फसल एकत्रीकरण के लिए पीपीपी परियोजनाओं के अलावा कोल्ड स्टोर और चेन, वेयरहाउसिंग, साइलो, परख, ग्रेडिंग और पैकेजिंग इकाइयां, ई-ट्रेडिंग प्लेटफार्मों और पकने वाले कक्षों से जुड़े ई-मार्केटिंग पॉइंट्स की स्थापना के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार (भारत सरकार) की ओर से बजटीय सहायता के रूप में कुल बहिर्गमन 10,736 करोड़ रुपये होगा।
वित्तपोषण सुविधा के तहत पुनर्भुगतान के लिए स्थगन कम से कम छह महीने और अधिकतम दो वर्ष के अधीन भिन्न हो सकता है। मंत्रालय ने कहा कि एग्री-इंफ्रा फंड, जिसे ऑनलाइन मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एमआईएस) प्लेटफॉर्म के जरिए मैनेज और मॉनिटर किया जाएगा, सभी योग्य संस्थाएं फंड के तहत लोन के लिए आवेदन कर सकेंगी।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कई बैंकों द्वारा पेश की जाने वाली ब्याज दरों की पारदर्शिता, ब्याज अनुदान और क्रेडिट गारंटी सहित योजना विवरण, न्यूनतम दस्तावेज, तेजी से अनुमोदन प्रक्रिया के साथ-साथ अन्य योजना लाभों के साथ एकीकरण जैसे लाभ भी प्रदान करेगा । मंत्रालय ने कहा कि कृषि और कृषि प्रसंस्करण आधारित गतिविधियों के लिए औपचारिक ऋण की सुविधा से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर पैदा होने की उम्मीद है।