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सरसों की फसल को माहू या चेंपा (एफिड) से बचाने के लिये कृषि अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है।
कृषि उपसंचालक ने किसानों से कहा है कि सरसों की फसल में माहू या चेंपा कीट के शिशु एवं प्रौढ़ दोनों ही पौधों के बढ़ने वाले भाग कलियों, फूलों और फलियों में स्थायी रूप से झुण्डों में चिपके रहते हैं और कलियों, फूलों का रस चूसकर फसल को हानि पहुँचाते हैं।
कृषि उप संचालक ने किसानों से कहा है कि फसल को चेंपा कीट से बचाने के लिये इसकी बढ़वार को रोकने के लिये कीट प्रभावित टहनियों को तोड़कर नष्ट कर दें। कृषि उपसंचालक संचालक ने किसानों को सलाह दी है कि किसानों को दवाओं का उपयोग तभी करना चाहिए जब खेत में 30 प्रतिशत पौधों पर माहू हो अथवा प्रति पौधे 10 सेमी. अग्रभाग पर औसतन 8 से 13 माहू हो। उस स्थिति में माहू के नियंत्रण हेतु डाइमेथिएट 30 ई.सी. की 01 लीटर या मोटासिस्टाक्स 25 ई.सी. की 500 मिली. या इमिडाक्लोप्रिड 100 मिली. प्रति हैक्टेयर का 500 – 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। कीटनाशकों का छिडकाव दोपहर 2 बजे के बाद करें, जिससे मधुमक्खियों को हानि न हो।
उन्नत कृषि सामग्री को प्राप्त करने के लिये विभागीय वेबसाइट पर पंजीयन करें
कृषि विभाग में संचालित योजनाओं एवं उन्नत कृषि सामग्री को प्राप्त करने के लिये कृषक विभागीय वेबसाइट mpfsts.mp.gov.in पर ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं। जो किसान अभी तक पंजीयन नहीं करा सकते हैं, वे किसान भाई शीघ्र ही अनिवार्य रूप से पंजीयन करायें, ताकि स्वीकृति की अग्रिम कार्यवाही की जा सके। इन कृषि सामग्रियों का पंजीयन ऑनलाइन किया जा सकता है – ट्रैक्टर एवं पॉवर टिलर, सभी प्रकार के शक्ति चलित एवं स्वचलित कृषि यंत्र, विद्युत एवं डीजल पंप, ड्रिप एवं स्प्रिंकलर तथा सिंचाई पाईप लाईन।
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