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सोयाबीन की फसल बर्बाद हो जाने से बदहाल किसान आत्महत्या पर उतारू हैं लेकिन न तो जनप्रतिनिधियों को इसकी फिक्र है और न ही नौकरशाहों को। संभाग के देवास जिले की विजयागंजमंडी क्षेत्र में किसान अनिल कुमावत द्वारा फांसी लगा लेने और शाजापुर जिले के सुसनेर क्षेत्र के किसान रामलाल मेघवाल के जहर पीकर जान देने की कोशिश करने की घटनाओं के बाद भी जिम्मेदारों को शर्म नहीं आ रही। प्रशासन ने आनावरी करा कर किसानों को फसल बीमा के भरोसे छोड़ दिया है। हालात ये हैं कि किसानों के पास परिवार के भरण-पोषण के लिए भी पैसा नहीं बचा है जबकि उसे कर्ज चुकाना है और अगली फसल की तैयारी करनी है। इन हालातों में उनके साथ वे जनप्रतिनिधि भी खड़े दिखाई नहीं दे रहे जिन्हें वोट देकर उन्होंने सत्ता में बैठाया है। किसानों का कहना है 20 प्रतिशत ही फसल आई है जबकि प्रशासन की रिपोर्ट में 50 प्रतिशत तक फसल आना बताया जा रहा है।
बीमा राशि तय करने का ये फार्मूला: गांव के चार किसानों के खेतों के उत्पादन का सर्वे होगा। दो खेतों की फसल की जानकारी राजस्व और दो कृषि विभाग के अधिकारी लेंगे। इनका तीन साल का औसत लिया जाएगा। इस औसत के आधार पर केंद्र सरकार से बीमा क्लेम राशि तय होगी। यह रिपोर्ट करीब 10 दिन में केंद्र को पहुंच जाएगी। बीमा क्लेम मिलने में करीब छह महीने लगेंगे।
कर्ज सिर पर, बेटी की शादी रोकी
देहरिया सुसनेर के रामगोपाल शर्मा ने 10 बीघा में कर्ज लेकर सोयाबीन बोया था। उत्पादन 1.60 क्विंटल मिला। उनका कहना है उम्मीद थी कि फसल अच्छी होगी तो पुराना 50 हजार का कर्ज चुकाऊंगा और बेटी की शादी भी कर दूंगा। अब कैसे बेटी के हाथ पीले कर पाऊंगा।
ऐसे बर्बाद हुए किसान
लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भरा रहा जिससे पौधे पनप नहीं सके। फूल आने के बाद हुई बारिश से फूल गिर गए जिससे फलियां नहीं बन सकीं। बारिश के कारण किसान निंदाई-गुड़ाई और कीटनाशकों का छिड़काव नहीं कर सके। मौसम गीला होने से पौधों में इल्लियों का प्रकोप बना रहा।
बाजार में दिवाली बिगड़ेगी
अनाज व्यापारी गोविंद खंडेलवाल के अनुसार सोयाबीन की फसल खराब हो जाने से बाजार की दिवाली बिगड़ने के आसार हैं। इस सीजन में उज्जैन मंडी में करीब 15 करोड़ रु. तक का कारोबार होता है। इस साल यह 3 करोड़ से ऊपर जाता नहीं दिख रहा। सोयाबीन नहीं आने से निर्यात बढ़ेगा जिससे महंगाई भी बढ़ेगी।
कम से कम ये करे सरकार
अक्टूबर, नवंबर में होने वाली कर्ज की वसूली स्थगित कर किसानों को नई फसल के लिए कर्ज देने की व्यवस्था करे। फसल बीमा दिलाने की प्रक्रिया तेजी से पूरी करें ताकि किसान को पैसा मिल सके।
कहां क्या हालात - ये बोले जिम्मेदार
किसानों की मदद के लिए फसल बीमा दिलाया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य सरकार से भी बात की है। प्रशासन के साथ स्थिति की समीक्षा की है।'' दिलीप शेखावत, विधायक नागदा
किसानों को इस बार फसल बीमा का लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। क्रॉप कटिंग की रिपोर्ट आने पर बीमा क्लेम की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।'' अरुण भीमावद, विधायक शाजापुर
प्रशासन का दावा
फसलों को लेकर कलेक्टरों को पूर्व में ही निर्देश दिए जा चुके हैं, उसके अनुसार कार्रवाई की जा रही है।'' डॉ. रवींद्र पस्तौर, संभागायुक्त उज्जैन
फसल कटाई प्रयोग की जानकारी भेजी जा रही है। इसके आधार पर किसानों को फसल बीमा का क्लेम मिल सकेगा। इसके अलावा और कोई सर्वे नहीं किया जा रहा।'' रामेश्वर पटेल, उप संचालक, कृषि उज्जैन
सुसनेर. अतिवृष्टि से खेत में सोयाबीन खराब हो गए और अब खेतों में सिर्फ घास ही खड़ी है। खेत में खड़ी घास को देखकर किस्मत को कोसता ग्राम मैना का एक किसान।
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