Kisaan Helpline
फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में ही निरंतर मौसम में परिवर्तन हो रहा है। बदलते मौसम के कारण फसलों मे भी कीट व्याधि के प्रकोप की संभावना अधिक रहती है। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास शिवपुरी द्वारा किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि वह अपनी फसलों का सतत निरीक्षण करें। इस समय सरसों एवं मसूर में माहू का प्रकोप देखा जा सकता है। इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 100 एम.एल.दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोल बना कर प्रति हेक्टयर छिडकाव करें अथवा रोगर 750 एम.एल.दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोल बना कर छिडकाव करें।
इस समय चने में इल्ली की संभावना हो सकती है अतः इल्ली दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु टी-आकार की खूटी (बर्डपर्चर) 50 प्रति हेक्टर लगाए व आवश्यकतानुसार ट्राइजोफॉस 750 एम.एल.दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टर छिडकाव करें या इन्डोक्साकार्ब 14.5 एस.सी.दवा की 500 एम.एल.मात्रा 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टयर के हिसाब से छिड़काव करें।
किसान भाई यदि फसलों में पोषक तत्वों की कमी प्रदर्शित हो रही है तो गेहूं व चना फसल में फूल आने के एक सप्ताह पूर्व तथा फूल आने के एक सप्ताह बाद 19.19.19 एन.पी.के.जल विलय उर्वरक की एक किलो मात्रा का 100 लीटर पानी में घोल बना कर प्रति बीघा छिडकाव करें। इससे फसलों में पोषक तत्वों में कमी दूर होगी तथा उपज में वृद्धि होगी।
Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.
© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline