फल झड़ने से बचाएं, विकास बढ़ाएं- आम और लीची की फसल को संवारें!

Sanjay Kumar Singh

30-11--0001 12:00 AM

फल झड़ने से बचाएं, विकास बढ़ाएं- आम और लीची की फसल को संवारें!


प्रोफेसर (डॉ.) एस.के. सिंह
विभागाध्यक्ष, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी एवं नेमेटोलॉजी  
डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा-848 125, समस्तीपुर, बिहार


आम और लीची की महत्ता

आम को "फलों का राजा" और लीची को "फलों की रानी" कहा जाता है। विशेष रूप से बिहार में, लीची को "प्राइड ऑफ बिहार" भी माना जाता है। वहीं, दरभंगा को आम की राजधानी के रूप में जाना जाता है। इन महत्वपूर्ण फलों की अधिकतम उपज एवं गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक पद्धति से इनका प्रबंधन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।  


फलों के गिरने की समस्या एवं समाधान

फल लगने के बाद, यदि बाग का उचित प्रबंधन नहीं किया गया तो आशा के अनुरूप लाभ नहीं मिलता। फलों के गिरने की समस्या को नियंत्रित करने और स्वस्थ फल उत्पादन के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए—  


उचित सिंचाई प्रबंधन


कब करें?

जब आम के फल मटर के आकार और लीची के फल लौंग के आकार के हो जाएं, तब से हल्की-हल्की सिंचाई शुरू करें।  


क्या न करें?

बहुत जल्दी सिंचाई करने से फलों के गिरने की संभावना बढ़ जाती है।  

बाग में जलजमाव बिल्कुल न होने दें।  


उचित पोषण एवं उर्वरक प्रबंधन

खाद एवं उर्वरक की मात्रा (पेड़ की उम्र के अनुसार)

10 वर्ष की आयु वाले आम के पेड़ या 15 वर्ष की आयु वाले लीची के पेड़ के लिए उर्वरक एवं खाद की मात्रा निम्नानुसार होनी चाहिए: डीएपी 500-550 ग्राम, यूरिया 850 ग्राम, एमओपी 750 ग्राम, तथा गोबर खाद 25 किलोग्राम। यदि आपका आम या लीची का पेड़ क्रमशः 10 एवं 15 वर्ष से छोटे है तो उपरोक्त डोज को 10/15 से भाग दे दें एवं जो आयेगा उसने आम/लीची के पेड़ की उम्र से गुणा कर दे वही उस पेड़ के लिए डोज होगी।


कैसे दें?

1. मुख्य तने से 2 मीटर दूर, 9 इंच गहरा और 9 इंच चौड़ा रिंग बना लें।  

2. आधी मिट्टी निकालकर उसमें खाद व उर्वरक मिलाकर डालें।  

3. शेष मिट्टी से इसे ढक दें और सिंचाई करें।  

4. छोटे पेड़ों के लिए उर्वरकों की मात्रा को उनकी उम्र के अनुसार कम करें।  


फलों की गुणवत्ता सुधारने हेतु स्प्रे प्रबंधन

फल झड़ने की रोकथाम

प्लानोफिक्स @ 1 मिली / 4 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।  

आम और लीची के फटने की समस्या

बोरेक्स @ 4 ग्राम / लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।  

बोरान युक्त सूक्ष्म पोषक तत्व @ 2 ग्राम / लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।  

समय: बोरेक्स या बोरान युक्त सूक्ष्म पोषक तत्व का छिड़काव 15 अप्रैल के आसपास यह कार्य जरूर करें।  


रोगों एवं कीटों का नियंत्रण

आम में चूर्णिल आसिता एवं मधुवा रोग

चूर्णिल आसिता रोग के नियंत्रण के लिए

तरल सल्फर @ 1 मिली / लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या

हैक्साकोनाजोल @ 1 मिली / लीटर पानी में छिड़काव करें या

डाइनोकैप (46 ईसी)@ 1 मिली / लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।  

ध्यान दें: जब अधिकतम तापमान 35°C से ऊपर हो जाता है, तो चूर्णिल आसिता रोग की संभावना कम हो जाती है।  



आम में मधुआ एवं मिलीबग (दहिया कीट) के  प्रकोप से बचाव के लिए...

डायमेथोएट 30 ईसी या क्विनाल्फोस 25 ईसी @ 2 मिली / लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।  

आम में फल मक्खी से बचाव

फेरोमोन ट्रैप @ 15-20 ट्रैप प्रति हेक्टेयर लगाएं।  

लीची में फल बेधक कीट

थायोक्लोप्रीड (Thiacloprid) या लैम्बडा सिहलोथ्रिन (Lambda cyhalothrin) @ 0.5 मिली / लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।  

नोवल्युरान @ 1.5 मिली / लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।  

अनावश्यक फलों और शाखाओं का प्रबंधन

आम और लीची के उन मंजरों को हटा दें जिनमें फल नहीं लगे हैं।  

इन्हें बाग से बाहर ले जाकर नष्ट कर दें ताकि यह रोगों और कीटों को आकर्षित न करें।  


प्राकृतिक फल गिरने की प्रक्रिया

फलों का गिरना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। प्रारंभ में जितना फल पेड़ पर लगता है, उसका केवल 4-7% ही अंततः पेड़ पर टिकता है।  

समस्या को कम करने के लिए

सही मात्रा में उर्वरकों, पोषक तत्वों एवं सिंचाई का प्रबंधन करें।  

अनावश्यक रसायनों का अंधाधुंध प्रयोग न करें, अन्यथा लाभ के बजाय हानि हो सकती है।  

जागरूकता फैलाएं!

आजकल किसान सही तकनीकों से अवगत नहीं होते और गलत समय पर छिड़काव कर देते हैं, जिससे नुकसान होता है।  

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अनावश्यक फोन कॉल करने से बचें और इस लेख को ध्यानपूर्वक कई बार पढ़ें।

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