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सोयाबीन की फसल इस बार काफी हल्की हुई है। इससे किसानों को लहसुन ने उबारा है। सीधे तौर पर कहें तो लहसुन ही किसान के आंगन में दीपावली की खुशियां बिखेर रहा है। वर्तमान भावों के हिसाब से मंडी में धनतेरस से पहले करीब 20 करोड़ रुपए की लहसुन का कारोबार होने की संभावना है।
बुधवार को मंडी में सोयाबीन की आवक 6500 कट्टे व लहसुन की 11 हजार कट्टे रही। यह स्थिति एक माह से है। इसका कारण वर्षा की खेंच होना है। लहसुन ने किसानों की स्थिति को संभाला। भाव के लिहाज से भी निराश नहीं किया। बुधवार को लहसुन 12 हजार रुपए अधिकतम मूल्य तक बिकी। लहसुन व्यापारी शैलेष होतवानी ने बताया इस साल लहसुन का बाजार काफी अच्छा है। आवक व मूल्य को देखते हुए त्योहारी सीजन में ही करीब 20 करोड़ रुपए का व्यापार होने की उम्मीद है।
सोयाबीन ने बिगाड़े थे हालात -जिले की मुख्य नकदी फसल सोयाबीन की स्थिति साल-दर-साल बिगड़ती ही जा रही है। इस साल स्थिति 4 सालों में सबसे ज्यादा खराब रही। 12-13 के नवंबर में 2 लाख 4 हजार 54 कट्टे सोयाबीन मंडी पहुंची थी। इस साल नवंबर में अब तक केवल 20 हजार कट्टे ही पहुंची है। इससे पहले सोयाबीन की उपज से ही बाजार गुलजार हुआ करते थे।
मंडी में लहसुन की आवक का गणित
मंडी में रोज 11 हजार कट्टे लहसुन की आवक हो रही है। यह 5500 क्विंटल है। पिछले तीन दिन में 17500 क्विंटल आवक हुई। प्रति क्विंटल मॉडल भाव 6500 रुपए है। इस तरह तीन दिन में 11 करोड़ 37 लाख 50 हजार रुपए का कारोबार हुआ। अगले तीन दिन 5, 6, 7 नवंबर को मंडी खुली रहेगी। इस दौरान भी ऐसा ही कारोबार का अनुमान है। इस तरह धनतेरस से पहले मंडी में लहसुन का कारोबार 22 करोड़ 75 लाख (औसत 20 करोड़) रुपए होगा।
बुधवार को लहसुन की 11 हजार कट्टे आवक हुई।
इस साल सोयाबीन की तुलना में लहसुन की आवक तेज है। अच्छी किस्म की लहसुन पर किसानों को भाव अच्छे मिल रहे हैं।
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