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मध्यप्रदेश मे सोयाबीन की फसल इस समय दो प्रमुख समस्यायों से ग्रसित है जिसमे पहली मौजेक रोग से तथा दूसरी इल्लीयो का प्रकोप से
बादल छाने और धूप नहीं निकलने से फसलों पर मौजेक रोग व इल्लियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। मोजेक रोग इसके नियंत्रण के लिये शुरुआती अवस्था मे पीले पौधों को खेत से उखाड़कर नष्ट किया जा सकता है। फसलों मे मौजेक रोग के लक्षण दिखाई देने पर नियंत्रण के लिए 100 ग्राम एसिटामाप्रीड 20 एस.पी. प्रति एकड़ या 40 ग्राम थायामेथाक्सम 25 डब्लू.जी. प्रति एकड़ या 100 मिली इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल प्रति एकड़ 150 लीटर पानी मे घोलकर छिड़काव करें ताकि पीला मोजेक का संक्रमण स्वस्थ पौधों में न हो।
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