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पंजाब: जिलें में खेती बाड़ी व किसान कल्याण विभाग ने गेहूं की फसल में नदीनों की रोकथाम के लिए एक अभियान शुरू कर दिया है, जिसके अंतर्गत किसानों को नदीन नाशकों का प्रयोग के सही तरीकों के बारे जागरूक किया जा रहा है। जिला खेतीबाड़ी अधिकारी बलजिंदरसिंह बराड़ बताते है, कि गत वर्षों से गेहूं के नदीनों में नदीन नाशक दवाईयों प्रति प्रतिरोधक समर्था बढ़ रही है, व कई बार दो-दो बार छिड़का करने व नदीन खत्म नहीं होते। उन्होंने कहा कि ऐसा नदीन नाशकों की स्प्रे सहीं तरीके से न होने के कारण हो रहा है। जिला खेतीबाड़ी अधिकारी ने गांव महाबद्धर में नए स्प्रेयर मशीन के डेमो मौके पर बताया कि इसीलिए विभाग ने इस बार किसानों को नदीन नाशकों के छिड़काव की सहीं विधि के बारे में प्रदर्शनियां लगाकर बताया जा रहा है, जिसमें यूपीएल कंपनी द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नदीन नाशकों की स्प्रे करने के लिए काट वाली नोजल प्रयोग की जानी चाहिए व प्रति एकड़ पानी का प्रयोग 200 लीटर तक हो। साथ ही उन्होंने कहा कि नदीन नाशकों का छिड़काव पूरे खेत में एक साथ होना चाहिए भाव न तो कोई जगह छिड़काव से वंचित रहे व न ही कहीं दोबारा छिड़काव हो। इस अवसर पर आत्मा के प्रोजेक्ट डायरैक्टर करनजीतसिंह ने बताया कि किसान गेहूं में नदीनों की रोकथाम या तो बिजाई के 48 घंटे के अंदर-अंदर दवाई का छिड़काव करके कर सकते है या फिर नदीनों के उगने से कुछ दिन के बाद नदीन नाशकों का छिड़काव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जहां नदीनों की समस्या अधिक है, वहीं गेहूं की बिजाई के 48 घंटे के अंदर-अंदर बूम स्प्रेयर से स्टोप दवाई का छिड़काव किया जा सकता है। यह स्प्रेयर मशीन सौ रूपए प्रति एकड़ की दर पर किराए पर उपलब्ध है।
उन्होंने किसानों को अपील की है, कि वह गेहूं की नदीनों की रोकथाम पर विशेष ध्यान दें। इस अवसर पर डॉ. गुरप्रीतसिंह, डॉ. लवप्रीतसिंह, डॉ. हरमनजीत, जगतारसिंह व अक्शै सैनी भी उपस्थित थे।
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