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घरौंडा : भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से मेरे गांव मेरा गौरव कार्यक्रम के तहत शाहजपुर गांव में किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को गेहूं में खरपतवार की रोकथाम को लेकर विस्तृत जानकारी दी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीलम चोपड़ा ने गेहूं की फसल में अड़ियल मंडूसी के क्षेत्र में बढ़ावा होने पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने यह भी कहा की अड़ियल मंडूसी का सबसे बड़ा कारण किसानों द्वारा वैज्ञानिक विधि का पालन न करना है। संस्थान द्वारा सुझाई गई विधि से बहुत से किसानों को लाभ मिला है और उनकी गेहूं की फसल से मंडूसी पूरी तरह से चली गई है। जिस वजह से अब किसानों को खरपतवारनाशक दवाइयों के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती है। उन्होंने किसानों को फसल चक्र अपनाने, हैप्पी रीडर मशीन से बिजाई, गेहूं की बिजाई उपरांत पैड़ी मैथलिन या मैक्स दवाई का प्रयोग करना, बदल कर दवाई का स्प्रे करना, मंडूसी में बिजाई के 30-35 दिनों के अंदर स्प्रे करना।
हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति करनाल के प्रधान डॉ. राजेंद्रसिंह ने बताया कि समिति खेती पर कृषि लागत घटाने पर किसान पाठशाला का आयोजन करती है। उसमें वैज्ञानिक विधि अनुसार खेती करने पर जोर देती है। उन्होंने ग्राम पंचायत शाहजानपुर व गांव के किसानों की ओर से गांव में कृषि साहित्य के लिए पुस्तकालय स्थापित करने का निर्णय का स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. निशाकांत चोपड़ा, डॉ. संजीवसिंह, डॉ. पीबीसिंह ने भी किसानों को संबोधित किया। इस मौके पर सुक्रमपाल, कृष्ण शर्मा, पूर्व सरपंच जयपालसिंह, जसबीरसिंह, जसमेरसिंह मौजूद थे।
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