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खेत को उपजाऊ बनाने किसान तालाबों से मिट्टी ले जा सकेंगे। तालाब गहरीकरण से निकाली मिट्टी के बदले खनिज विभाग रॉयल्टी वसूलेगा। तालाबों का स्वरूप न बिगड़े, इस पर सिंचाई विभाग, राजस्व और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग से जुड़े अधिकारी नजर रखेंगे। सोमवार को कृषि महोत्सव की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने बीते दिनों किसानों से मिले ज्ञापन और समस्या का मुद्दा उठाया था। इस पर कलेक्टर संजीवसिंह ने मंजूरी दे दी।
बीते दिनों कई स्थानों पर तालाबों से काली मिट्टी ले जाने और खनिज, पुलिस विभाग द्वारा चैकिंग, कार्रवाई के मामले सामने आए थे। लामगरा समेत अन्य गांवों के किसानों ने ज्ञापन दिए थे।
साेमवार को बैठक में विधायक सिसौदिया ने मुद्दा उठाते हुए कहा ग्रीष्मकाल में किसान फसल उत्पादन बढ़ाने के मकसद से तालाबों से खादनुमा काली मिट्टी ले जाते हैं। प्रशासन को व्यवस्था करना चाहिए कि नियमों के तहत किसानों को मिट्टी मिल पाए। मिट्टी निकालने में सतह का ध्यान रखा जाए और बहुत अधिक खाई न हो जाए। तालाब का स्वरूप नहीं बिगड़ना चाहिए। इस पर कलेक्टर संजीवसिंह ने कहा तालाबों के गहरीकरण की परमिशन दे रहे हैं। सिंचाई, राजस्व और ग्रामीण यांत्रिकी के अधिकारियों की देखरेख में सही तरीके से मिट्टी निकालने की व्यवस्था रहेगी। बदले में खनिज विभाग किसानों से रॉयल्टी लेगा।
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