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आज कल खीरा की फसल काफी चर्चा में है खीरा एक गरम मौसम की फसल है। ये फसल जादा ठंढ और कोहरे का हमला सेहन नहीं करती। ज्यादा नमी मैं इसपर धब्बे हो जाते हैं। खीरे की फसल के लिए चौबीस से छबीस डिग्री तापमान ठीक है। खीरे की फसल के लिए
खीरे की उन्नत किस्मे :-
पंजाब नवीन :- ये बीज बहुत ही अच्छा है। ये कम कड़वा और बीज भी खाने लायक होता है। इस किसम के फसल को सतर दिन मैं तोड़ सकते हैं। इसकी औसतन पैदावार सतर क्वेंटल /एकर होती है।
बिजाई का ढंग :-
बिजाई का समय :-फरबरी मार्च
बीज की मात्रा :- एक किलो /एकर
बिजाई का ढंग :- बीज को ढाई मीटर की चौड़ी बेड पर दो दो फुट के फासले पर बीज सकते हैं। बीज दोनों साइड लगाएं। एक जगह पर दो बीज लगाये। खीरे की अगेती पैदावार के लिए इसे सुरंग मैं भी बीज सकते हैं। इस से कोहरे से बचाया जा सकता है। अगर बिजाई के लिए सुरंग बनानी है तो दो मीटर के सरिये को दोनों साइड मैं ज़मीन मैं गाड़ दे। इसके बाद दोनों अर्ध गोलों पर सो गेज की प्लास्टिक की शीट डाल दें। और दोनों साइड से मिटटी से ढक दें। और फरबरी मैं इन शीट को हटा दें।
खीरे के लिए खाद :-
इस फसल के लिए चालीस किलो न्यट्रोजन (नबे किलो यूरिया ), बीस किलो फ़ॉस्फ़ोरस ,(सवा क्वेंटल सुपरफास्फेट ), और बीस किलो पोटास की जरूरत होती है। इसमें से एक तिहाई हिसा न्यट्रोजन सारी फ़ॉस्फ़ोरस पोटाश बिजाई के समय बेड़ो पे सामानांतर लाइन मैं पांच इंच की दूरी पर डालें। बाकि बची काड बढ़ोतरी के टाइम पे डालें।
सिंचाई :-
पहले इसकी खाल मैं पानी लगा कर डौल के ऊपर बीज लगाया जाता है। इसके बाद दो तीन दिन बाद पानी दिया जाता है। गर्मिओं मैं पांच छे दिन बाद पानी लगते रहना चाहिए। आम तौर पे इसको दस से पन्द्र पानी लगते हैं।
तुड़वाई :- खीरे की फसल को तोड़ते समय ये नरम होने चाहिए। पीले फल नहीं होने देना चाहिए.
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