2022 तक जहर मुक्त होगा हिमाचलप्रदेश : आचार्य देवव्रत

2022 तक जहर मुक्त होगा हिमाचलप्रदेश : आचार्य देवव्रत
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Kisaan Helpline

Agriculture Sep 15, 2018

धर्मशाला : हिमाचलप्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि देवभूमि हिमाचल को 2022 तक जहर मुक्त यानी रसायनिक खेती से नशामुक्त बनाया जाएगा। जहरीली खेती से छुटकारा पाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए शून्य लागत प्राकृतिक कृषि प्रणाली ही श्रेष्ठ साधन है। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) कंपनी-5 धर्मशाला व कृषि विभाग द्वारा शून्य लागत प्राकृतिक खेती के तहत जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती परियोजना के तहत किसानों के हित के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। रसायनिक व जैविक खेती का पुराना चलन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उचित नहीं है। प्रदेश के 10 लाख किसानों तक शून्य लागत खेती पहुंचेगी व युवाओं को प्रशिक्षित कर हर पंचायत में एक प्रशिक्षक भी तैनात किया जाएगा।

 

राज्यपाल ने युवाओं से नशे से दूर रहने का आग्रह करते हुए नशामुक्त हिमाचल बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति यदि ठान ले तो नशे के इस पाप को देवभूमि में पनपने से रोकना संभव है। एनसीसी जैसे अनुशासात्मक विंग से जुड़कर युवाओं की सामाजिक जिम्मेदारी और बढ़ जाती है तथा ईमानदारी से तय दिशा में व निर्धारित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने पर स्थितियों में सकारात्मक बदलाव लाना संभव है। उन्होंने सामाजिक आंदोलन में युवा पीढ़ी को जोड़कर सामाजिक उत्थान के विभिन्न कायरें में आगे लाने और प्राकृतिक खेती के विचार को जन-जन तक पहुंचाने में योगदान के मकसद से शिविर में बड़ी संख्या में युवा कैडेट्स की मौजूदगी पर एनसीसी ग्रुप कमाडर शिमला ब्रिगेडियर ललित जोशी सहित उनकी पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की।

 

शून्य लागत प्राकृतिक खेती के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने कहा कि परियोजना के तहत हर पंचायत में प्राकृतिक खेती प्रशिक्षक तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत किसानों के लिए दो बड़े प्रशिक्षण शिविर 30 सितंबर से 4 अक्टूबर तक पालमपुर व 12 से 16 अक्टूबर तक शिमला में आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर, उपायुक्त कागड़ा संदीप कुमार, पुलिस अधीक्षक संतोष पटियाल, एनसीसी कंपनी-5 के सीओ कर्नल डीकेएस चौहान, शून्य लागत प्राकृतिक खेती परियोजना के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजेश्वर चंदेल, आतमा परियोजना कागड़ा की निदेशक डॉ. बिनता सूद, एनसीसी अधिकारी व कागड़ा, मंडी, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों से एनसीसी की तीनों शाखाओं के कैडेट्स ने भाग लिया।

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