उर्वरक की बढ़ती कीमतों के साथ कृषि में लगने वाली लागत में भी होगी बढ़ोत्तरी

Yash Dhakad

17-09-2021 03:48 AM

उर्वरक (Fertilizers) कृषि में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले रसायन हैं जो पेड-पौधों की वृद्धि में सहायता के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। पानी में शीघ्र घुलने वाले ये रसायन मिट्टी में या पत्तियों पर छिड़काव करके प्रयुक्त किये जाते हैं। पौधे मिट्टी से जड़ों द्वारा एवं ऊपरी छिड़काव करने पर पत्तियों द्वारा उर्वरकों को अवशोषित कर लेते हैं।
साथ ही उर्वरक की कीमतों में वृद्धि से किसानों की रीढ़ टूटने की संभावना है, जो पहले से ही डीजल की उच्च कीमत के तहत फिर से काम कर रहे हैं। आगामी खरीफ सीजन में लगने वाली लागत दोगुनी हो सकती है।
वर्तमान में उर्वरक की कीमतें कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में स्पाइक के कारण उर्वरक की कीमतों में भारी वृद्धि के साथ खेत की लागत में तेजी से वृद्धि करने के लिए निर्धारित है। देश के सबसे बड़े उर्वरक विक्रेता - भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको) ने गैर यूरिया उर्वरकों की कीमतें 58% तक बढ़ा दी हैं। सबसे लोकप्रिय पोषक तत्व डीएपी का 50 किलोग्राम का बैग अब 1200 रुपये प्रति बैग के हिसाब से 1900 रुपये होगा। इसी तरह, एनपीके की कीमत 1500-1800 रुपये प्रति बैग होगी - जो पहले के मूल्य के टैग से लगभग 50% बढ़ी थी। साथ ही अन्य कंपनियों ने भी उर्वरक कीमतों में वृद्धि की घोषणा की है।

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