Sanjay Kumar Singh
22-08-2023 05:21 AMसितम्बर-अक्टूबर-नवंबर में लगाई जाने वाली सब्जियों की तैयारी अभी से प्रारम्भ करें
प्रोफ़ेसर (डॉ) एसके सिंह
सह निदेशक अनुसन्धान
डा. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार
वैसे तो आजकल हर सब्जी को पाली हाउस में नियंत्रित वातावरण में पुरे साल भर उगाया जा सकता है, यही वजह है की आज कल हर सब्जी लगभग पुरे वर्ष खाने के लिए उपलब्ध है। जब हम सब्जियों को ऑफ सीजन में उगते है तो उसमे रोग एवं कीड़ो को नियंत्रित करने के लिए अधिक रसायनो पर निर्भर रहना पड़ता है। आज कल कोई भी अत्यधिक रसायनो के उपयोग से उगाई गई सब्जियों को खाना पसंद नहीं कर रहे है। जिस सब्जी का जो मौसम है यदि उसमे उस सब्जी को उगते है तो रसायनो पर निर्भरता कम होती है क्यों की उसमे रोग एवं कीडे ऑफ सीजन की सब्जी की तुलना में कम लगते है। अतः हम किसान भाइयो को बताना चाहेंगे की
अगस्त महीना लगभग समाप्ति की ओर है तथा सितंबर आने मे कुछ ही दिन शेष बचे है। अतः यह जानना आवश्यक है की किन किन सब्जियों की खेती सितंबर महीने मे की जा सकती है।
उत्तर भारत में सितंबर माह में तापमान लगभग 25- 30 डिग्री सेंटीग्रेट के आसपास तापमान रहता है तथा कई स्थानों पर मानसून लगभग समाप्ति की तरह रहता है, इसलिए यह मौसम अधिकांश सब्जियों के पौधों के लिए बहुत अच्छा रहता है।
सितंबर माह में इन प्रमुख सब्जियों यथा अगेती पत्ता गोभी ,फूलगोभी, शिमला मिर्च, मिर्च एवं बैगन के बीज की बुवाई करके नर्सरी तैयार कर सकते है। नर्सरी के लिए जो क्यारी बनाते है वह मिट्टी के सतह से कम से कम 6 इंच ऊँचा होना चाहिए। यदि संभव हो तो नर्सरी के क्यारी के ऊपर बॉस की फट्टी का स्ट्रक्चर बना कर उसके ऊपर पॉलिथीन लगा देते है इसे लो कॉस्ट पाली टनल कहते है। नर्सरी को इसी लो कॉस्ट पॉली टनल में लगाना चाहिए, क्योंकि पूरी तरह से मानसून गया नहीं है। यदि नर्सरी में पौधे जमीन की सतह से गल कर गिर रहे हो तो उसके बचाव के किये फफूंदनाशक जिसमे रिडोमिल एवं मैंकोजेब मिला हो जैसे रिडोमिल गोल्ड जिसकी 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर नर्सरी की मिट्टी को खूब अच्छी तरह से भीगा देना चाहिए ऐसा करने से पौधों के गलने की बीमारी से मुक्ति मिल जाती है। आइये जानते है उन सब्जियों के बारे में जिन्हें आगामी महीनों में लगा सकते है,यथा
पत्तागोभी की खेती
भारत में पत्ता गोभी की खेती एक वार्षिक फसल के रूप में देश में बड़े पैमाने पर की जाती है। भारत, चीन के बाद दुनिया में पत्ता गोभी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, भारत में प्रमुख गोभी उत्पादन राज्यों में पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, गुजरात, असम, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। पश्चिम बंगाल उन सभी का सबसे बड़ा उत्पादक है।
पत्ता गोभी की किस्में
पूरे देश में उगाए जाने वाले गोभी की कई किस्में ज्यादा प्रचलित है यथा,
फूलगोभी की खेती
भारत में वर्तमान में फूलगोभी लगभग सभी राज्यों में उगाई जाती है। भारत में फूलगोभी को 1822 में इंग्लैंड से लाया गया था। बुवाई का समय - उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों में बुवाई 3 बार की जा सकती है। अगेती (जुलाई अगस्त के मध्य तक)। मुख्य सीजन (जुलाई-अगस्त)। लेट-सीजन (सितंबर - अक्टूबर)। फूलगोभी की प्रमुख प्रजातियां - अर्ली कुंवर, अर्ली सिंथेटिक, पूसा कटकी, पंत गोभी-2, पंत गोभी-3; मुख्य सीजन-पूसा सिंथेटिक, पंत शुभ्रा, पंजाब जाइंट-26, पंजाब जाइंट-35; लेट-सीजन- पूसा स्नोबॉल-1, पूसा स्नोबॉल-2, सोनबॉल-16, दानिया, कलिम्पोंग इत्यादि
शिमला मिर्च एवं मिर्च
शिमला मिर्च का जन्मस्थान दक्षिण अमेरिका है। यह कई रंगों में पाया जाता है यथा हरा, लाल , गहरा पीला रंग में पाया जाता है इसलिए इसे रंगीन शिमला मिर्च भी कह सकते है। यह विटामिन ए, विटामिन बी और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है। यह लगभग 70-80 दिनों में फल देना शुरू कर देता है।
बैंगन की खेती
बैंगन भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में उगाई जाने वाली सबसे लोकप्रिय और प्रमुख सब्जियों में से एक है। यह एक बारहमासी पौधा है लेकिन वार्षिक रूप में उगाया जाता है। बुवाई का समय - बीज की बुवाई और रोपाई का समय कृषि-जलवायु क्षेत्रों के अनुसार अलग-अलग होता है। मुख्य बुवाई जुलाई से अगस्त के दौरान की जाती है। अनुशंसित किस्में - काशी प्रकाश, पंत ऋतुराज, पूसा उत्तम, थार रचित।
टमाटर की खेती
टमाटर दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण सब्जियों में से एक है। यह गर्म मौसम की फसल है। यह भारत की पहाड़ियों में एक ऑफ-सीजन सब्जी के रूप में उगाया जाता है। बुवाई का समय - टमाटर को लगभग पूरे साल उगाया जा सकता है। हालाँकि, उगाई जाने वाली फसलों की संख्या एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होती है। उत्तर भारत में आम तौर पर दो फसलें होती हैं, जुलाई से अगस्त और वसंत।
अनुशंसित किस्में - पूसा रोहिणी, पूसा हाइब्रिड-1, पूसा रूबी, अर्का मेघाली, सोलन गोला, अर्का वरदान, काशी अमन, काशी हेमंत।
गाजर की खेती
गाजर उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण दोनों देशों की एक महत्वपूर्ण सब्जी फसल है। यह शीत ऋतु की फसल है। है। इसके लिए आदर्श तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस है। जड़ें कैरोटीन, आयरन, थायमिन, राइबोफ्लेविन से भरपूर होती हैं। गाजर का खाने योग्य भाग संशोधित जड़ है।
बुवाई का समय - अगस्त से नवंबर एशियाई समूहों के लिए बुवाई का इष्टतम समय है जबकि यूरोपीय प्रकारों के लिए अक्टूबर से नवंबर है। इष्टतम दूरी 25-30 x 8-10 सेमी है। अनुशंसित किस्में - पूसा यमदग्नि, पूसा नयनज्योति, ज़ेनो, पूसा केसर, पूसा मेघानी, पूसा वृष्टि, पूसा असिता।
मूली की खेती
मूली एक जड़ फसल और सर्दी के मौसम की सब्जी है। तेजी से बढ़ने वाली फसल होने के कारण इसे आसानी से साथी फसल के रूप में या अन्य सब्जियों की पंक्तियों के बीच अंतरफसल के रूप में उगाया जाता है। बुवाई का समय - उत्तर में, भारतीय मूली साल भर उगाई जा सकती है लेकिन सबसे पसंदीदा अवधि अगस्त से जनवरी है। अनुशंसित किस्में - पूसा चेतकी, पूसा देसी, पूसा रेशमी, जापानी व्हाइट, पूसा हिमानी, व्हाइट आईकिकल।
चुकंदर की खेती।
चुकंदर या चुकंदर ठंड के मौसम की फसल है। यह भारत में मूली, शलजम या गाजर जैसी अन्य जड फसल है।
मेथी की खेती
जाड़ों के मौसम में मेथी साग का अलग ही आनंद है।इससे विविध व्यंजन बनाये जाते है। यह पौष्टिकता से भी भरपूर है। मेथी को मसालों में इस्तेमाल होने वाली मेथी के दानों से घर पर भी उगाया जा सकता है। लगाने से पूर्व इसका अंकुरण टेस्ट कर लेना चाहिए।
सलाद पत्ते की खेती
सलाद ड्रेसिंग के रूप में और सर्दियों में सैंडविच स्टफिंग के रूप में पिछले कुछ वर्षों से भारत में लेट्यूस का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता रहा है। यह विटामिन ए और विटामिन के और कई खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। इसे घर के गमलों में बीज से आसानी से उगाया जा सकता है।
पालक की खेती
पालक आयरन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। यह आसानी से प्लास्टिक की टोकरी या कंटेनर में भी सकता है। लगाने के के 3 से 4 सप्ताह के बाद कटाई योग्य हो जाते हैं।
लौकी की खेती
लौकी ककड़ी परिवार से संबंधित है और इसकी खेती पूरे साल की जा सकती है। लौकी को जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी पर उगाया जा सकता है। यह सबसे अच्छी उपज देता है यदि यह पीएच 5.8 से 6.8 के साथ रेतीली दोमट बनावट वाली मिट्टी में उगाया जाता है। इसकी खेती जंगली मिट्टी में की जा सकती है।बुवाई का समय - लौकी की बुवाई जून से जुलाई- अगस्त तक मानसून या बरसात की फसलों के लिए समझा जाता है। गर्मियों की फसलों के लिए जनवरी से फरवरी के अंत तक।अनुशंसित किस्में - अर्का बहार, पूसा समर, प्रोलिफिक लॉन्ग, पूसा नवीन, पूसा मेघदूत, पंजाब लॉन्ग, काशी बहार, काशी गंगा।
करेले की खेती
करेला ककड़ी परिवार से संबंधित है और इसकी खेती पूरे साल की जा सकती है। करेले को जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी पर उगाया जा सकता है। यह सबसे अच्छी उपज देता है यदि यह पीएच 5.8 से 6.8 के साथ रेतीली दोमट बनावट वाली मिट्टी में उगाया जाता है। बुवाई का समय - करेले की बुवाई जून से जुलाई तक मानसून या बरसात की फसलों के लिए समझा जाता है । गर्मियों की फसलों के लिए जनवरी से फरवरी के अंत तक। अनुशंसित किस्में - अर्का हरित, पूसा दो मौसमी, पूसा विशेष, पूसा औषधि, पूसा हाइब्रिड-1, काशी उर्वसी, सोलन साफियाद।
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